36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने की जगी आस, टीम ने प्रस्तावित तीन भूखंडों का लिया जायजा, जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द होगी शुरू

काफी समय बाद कहलगांव में विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की उम्मीद जगी है. भारत सरकार की ओर से गठित टीम ने साउथ बिहार सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो हरीश चंद्र सिंह राठौर के नेतृत्व में गुरुवार को जिला प्रशासन के पूर्व में प्रस्तावित तीन जगहों पर भूखंड का जायजा लिया.

नीरज,कहलगांव: काफी समय बाद कहलगांव में विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की उम्मीद जगी है. भारत सरकार की ओर से गठित टीम ने साउथ बिहार सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो हरीश चंद्र सिंह राठौर के नेतृत्व में गुरुवार को जिला प्रशासन के पूर्व में प्रस्तावित तीन जगहों पर भूखंड का जायजा लिया.

इस टीम में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, केंद्रीय लोक कार्य विभाग के चीफ इंजीनियर और अन्य दो सचिव स्तर के अधिकारी थे. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने भागलपुर के डीएम को नामित कर दिया था. पुन: उनके नामित एडीएम राजेश झा राजा व सीपीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर नामित कार्यपालक अभियंता उनके साथ पहुंचे थे. अन्य दो सचिव स्तर के पदाधिकारियों ने वीसी को ही नामित कर दिया था.

इन तीनों सदस्यों के अलावे स्थानीय पदाधिकारी के रूप में कहलगांव डीसीएलआर संतोष कुमार व प्रभारी सीओ स्मिता झा भी मौजूद थे. टीम के सदस्यों ने डीएम की ओर से पूर्व में जिन तीन भूखंडों का प्रस्ताव भेजा था, उनमें से एक का चयन किया जाना है. टीम ने तीनों जगहों पर जमीन का मुआयना किया. तीनों जमीन की प्रकृति, भौगोलिक स्थिति, पहुंच पथ की सुगमता व अन्य बिंदुओं पर जांच की.

Also Read: सावधान: दोस्ती, वीडियो चैट और फिर ब्लैकमेलिंग, सोशल मीडिया पर अधेड़ तक को शिकार बना रहा महिला ठगों का गैंग

समिति के सदस्य अपनी रिपोर्ट दो दिनों के अंदर वीसी को सौंप देंगे. उसके बाद वीसी वह रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेंगे. इसके आधार पर तीनों प्रस्तावित भूखंडों में से एक के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. पूर्व में इसके लिए केंद्र सरकार ने पांच सौ करोड़ रुपये आवंटित किये हैं.

प्राचीन विक्रमशिला को पुनर्जीवित करने के लिए प्राचीन विक्रमशिला महाविहार के समीप ही केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय विक्रमशिला विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए पांच सौ करोड़ की राशि आवंटित की गयी थी और राज्य सरकार से पांच सौ एकड़ जमीन की मांग की गयी थी. लेकिन, राज्य सरकार ने दो सौ एकड़ जमीन की ही मंजूरी दी.

डीएम ने अंतीचक मौजा, परशुरामचक मौजा व किशनदासपुर मौजा में दो-दो सौ एकड़ भूखंड का प्रस्ताव राज्य सरकार की मंजूरी के लिए भेजा था. काफी दिनों तक यह प्रस्ताव के ठंडे बस्ते में रहा.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें