बिहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की बदहाल व्यवस्था मंगलवार की सुबह एक बार फिर सामने आ गयी. गंभीर रूप से घायल युवक को स्ट्रेचर उपलब्ध न होने से उसके भाई को उसे गोद में उठा कर एम्बुलेंस तक ले जाना पड़ा. लगभग दस बजे हुई इस घटना ने अस्पताल की लचर व्यवस्था व मरीजों के प्रति बरती जा रही लापरवाही को उजागर कर दिया. बिहपुर जमालपुर पंचायत के वार्ड दो के शैलेश दास सोमवार की शाम थार वाहन की दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. उसका पैर बुरी तरह टूट चुका था, जिससे वह चलने-फिरने में असमर्थ था. स्थानीय लोगों ने उसे तुरंत इलाज के लिए बिहपुर सीएचसी पहुंचाया, लेकिन अस्पताल कर्मी उसे स्ट्रेचर या व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं करा सके. शैलेश को एम्बुलेंस तक ले जाने की नौबत आने पर उसके बड़े भाई रंजीत दास ने मजबूरी में उसे गोद में उठा कर अस्पताल परिसर पार किया.यह दृश्य देख वहां मौजूद लोग आक्रोशित हो उठे. ग्रामीणों ने कहा कि अस्पताल में लंबे समय से स्ट्रेचर, व्हीलचेयर और वार्ड ब्वॉय की कमी है, जिसकी शिकायत कई बार की गयी. सुधार अब तक नहीं हुआ. लोगों ने इसे स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही बता कहा कि ऐसे हालात में गंभीर मरीज को गोद में उठाकर ले जाना व्यवस्था पर सवाल है और स्वास्थ्य तंत्र की वास्तविक स्थिति को उजागर करता है. प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने शैलेश की स्थिति गंभीर बताते हुए उसे मायागंज मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया. परिजन और ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से तत्काल कदम उठाने, आवश्यक उपकरणों और जनशक्ति की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की. उनका कहना है कि यह कोई नयी घटना नहीं, बल्कि वर्षों से जारी समस्याओं का परिणाम है. बिहपुर सीएचसी प्रभारी मुरारी पोद्दार ने स्वीकार किया कि वार्ड ब्वॉय और कंपाउंडर की कमी से ऐसी परेशानियां उत्पन्न हो रही है.
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