टीएमबीयू फर्जी अंक पत्र मामला
– डीएनएस कॉलेज रजौन की छात्रा अंजली कुमारी ने फोन पर बताया कि दस्तावेज लेकर कुलपति आवास पहुंचे, वहां से थाना में जमा कराने के लिए कह दिया गया– उठ रहे सवाल- क्या फर्जीवाड़ा में शामिल कई कर्मी पर कानूनी कार्रवाई से बच रहे विवि के अधिकारीवरीय संवाददाता, भागलपुर
टीएमबीयू में फर्जीवाड़ा की शिकार हुई डीएनएस कॉलेज रजौन की छात्रा अंजली कुमारी सोमवार को मामले में मूल दस्तावेज जमा कराने के लिए कुलपति आवास पहुंची थीं लेकिन दस्तावेज नहीं लिया गया. निराश होकर वापस लौट गयी. छात्रा ने फोन पर बताया कि कुलपति आवास पर फर्जी दस्तावेज से जुड़े मूल दस्तावेज जमा कराने के लिए कहा गया था. आवास पर जाने पर वहां से कहा गया कि थाना में जमा करा दें, या फिर परीक्षा नियंत्रक कार्यालय व डीएसडब्ल्यू कार्यालय में जमा करा दें. छात्रा अंजली कुमारी ने बताया कि दोनों अधिकारी के कार्यालय गये थे लेकिन दोनों अधिकारी नहीं मिले. छात्रा ने कहा कि दस्तावेज जमा कराने के लिए विवि में भटकते रहे लेकिन कोई जमा नहीं लिया. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि फर्जीवाड़ा में शामिल कर्मी पर विवि के अधिकारी कानूनी कार्रवाई करने से बचे रहे हैं.
अंकपत्र, प्रोविजिनल व माइग्रेशन सहित अन्य दस्तावेज लेकर पहुंची थीं
छात्रा अंजली कुमारी ने बताया कि विवि प्रशासन की तरफ से कहा गया था कि अंकपत्र, प्रोविजिनल, सीएलसी, माइग्रेशन व चरित्र प्रमाण पत्र जो फर्जीवाड़ा में कर्मी द्वारा उपलब्ध कराया गया था. उसका मूल दस्तावेज जमा कराना है. छात्रा ने बताया कि कुलपति आवासीय कार्यालय में सभी दस्तावेज को देखा गया. वहां से संबंधित थाना के थानेदार को फोन किया गया. पुलिस से कहा गया कि फर्जीवाड़ा की शिकार हुई छात्रा जा रही है. उसका सारा दस्तावेज ले लीजिए. छात्रा ने कहा कि दस्तावेज जमा करने के लिए बुलाया गया था लेकिन अब थाना भेजा जा रहा है. जबकि, फर्जीवाड़ा विवि से हुआ है, तो उसकी शिकायत पर विवि को खुद आरोपित कर्मी पर केस दर्ज कराना चाहिए. छात्रा ने बताया कि उन्हें थाना क्यों भेजा जा रहा है. छात्रा ने कहा कि परेशान होने के बाद वह वापस घर लौट आयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है