भागलपुर
घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अंतिम है. इनकी पूजा संतान सुख की कामना पूरी करती है. सती के पिता प्रजापति दक्ष थे और सती शिव की पहली पत्नी थी. शिव सती का पावन चरित्र सुनने से पति-पत्नी के बीच झगड़ा नहीं होता है. उक्त बातें कोलकाता से पधारे युवा कथावाचक डॉ आकाश शर्मा ने बुधवार को श्री शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन प्रवचन करते हुए कही.
अखिल भारतीय सनातन सेवा संस्थान की ओर से द्वारिकापुरी मंगल उत्सव परिसर में शिव महापुराण कथा का आयोजन हुआ. आगे श्री शिव महापुराण कथा पर प्रवचन करते हुए युवाचार्य आकाश शर्मा ने शिव पुराण महिमा, शिव की महत्ता, नारद जी का मोह, कुबेर जी के तीन जन्मों की कथा, शिव का कैलाशपति बनना, ब्रह्मा जी का मोह, शिव सती चरित्र, दक्ष यश विध्वंस, विश्वनाथ, सोमनाथ एवं घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापना, मां जगदंबा का चमत्कार प्रसंग पर प्रवचन किया. इस दौरान घुश्मेश्वर महादेव की स्थापना और मां जगदंबा का चमत्कार की झांकी से श्रोताओं का मन मोह लिया. अध्यक्ष गिरधारी केजरीवाल ने अतिथियों का स्वागत किया. प्रातः विधि विधान से वेदी पूजन हुआ. 11 पंडितों ने सामूहिक रुद्राभिषेक कराया. पूजन में सुनील बुधिया व धर्मपत्नी रेणु बुधिया, राजेश रेखा बांका, दीपक जूही रुंगटा, नरेश सुनीता गोयनका, अतुल उषा सिंघानिया, कमल विभा मरोड़िया आदि शामिल हुए. कार्यक्रम में कोषाध्यक्ष रोहित बाजोरिया, प्रो बिहारीलाल चौधरी, सुनील जैन, पवन भालोटिया, अरुण शाह, आयुष, केशव, आलोक खेतान, आनंद लlठ, प्रवीण रुंगटा, विष्णु कयास, रेखा का योगदान रहा.
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