संजीव कुमार/ Bhagalpur News: इशाकचक थाना क्षेत्र के बुढ़िया काली स्थान के समीप नाला में डूबने से रविवार को चाय दुकानदार गोपाल चौधरी (62) की मौत हो गयी थी. यह भागलपुर शहर की कोई नयी घटना नहीं है. यहां के नालों में गिर कर घायल होने की घटनाएं तो होती रही हैं. कई की मौत भी हो चुकी है. जुलाई 2013 की घटना है, जब मानसून की पहली झमाझम बारिश भागलपुर के लिए शोक लेकर आयी थी. आदमपुर स्थित सीएमएस हाइस्कूल के सामने मुख्य सड़क के किनारे स्थित बड़े नाले में एक युवक अमन शर्मा पानी की तेज धार में मोटरसाइकिल सहित बह गया था. उसे बचाने के लिए कुछ लोग दौड़े, लेकिन तब तक मोटरसाइकिल व उस पर सवार युवक नाले में जा चुका था. दूसरे दिन उसका शव माणिक सरकार घाट के पास मिला था. ऐसे कई खौफनाक नालों ने कई लोगों को अपाहिज बनाया है, तो मौत के भी घाट उतारा है. लेकिन नगर निगम के बजट में ऐसे नालों से लोगों को सुरक्षित करने के इंतजाम नहीं दिखते हैं.
ये हाल हैं खतरनाक नालों के
आकाशवाणी चौक के समीप डॉ वीणा सिन्हा की गली में पैदल चलने या वाहन से चलने में एक छोटी सी गलती अप्रिय घटना घटित कर सकती है. खरमनचक रोड से निकलने वाले आरके लेन की स्थिति भी ऐसी ही है. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के मुख्य गेट से गंगा घाट तक नाले को देख कर ही डर लगता है. बरारी पुल घाट पर हथिया नाला काफी खतरनाक है. इसकी दोनों तरफ दुकानें हैं. यहां विशेष अवसरों पर भीड़ होती है, तो आम दिनों में भी काफी संख्या में लोगों का आवागमन होता है. आदमपुर घाट के समीप काली गति लेन में तो लोग अपने घर जाने के लिए चचरियां बना कर रखे हैं. यहां कब घटना हो जाये, कहा नहीं जा सकता. सखीचंद घाट के पास का नाला भी अत्यधिक खतरनाक है.
बारिश के दिनों में होता है अधिक खतरनाक
बारिश के दिनों में भागलपुर शहर के बड़े नाले अधिक खतरनाक हो जाते हैं. बारिश के दौरान इन नालों में पानी का करंट इतना तेज होता है कि इसमें कोई फंस जाये, तो वह गंगा में पहुंचने से पहले रुक नहीं सकता है. इन नालों के दोनों ओर लोहे की रेलिंग नहीं दी गयी या फिर इसे ढका नहीं गया, तो घटनाएं रोक पाना संभव नहीं है.
खतरनाक नाले
- आकाशवाणी चौक के समीप डॉ वीणा सिन्हा गली
- खरमनचक रोड पर आरके लेन
- टीएमबीयू परिसर में मुख्य गेट से गंगा किनारे तक
- पुल घाट पर पहुंचने वाला नाला
- आदमपुर घाट स्थित कालीगति लेन
- सखीचंद घाट के समीप