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खनन के नियमों पर मिट्टी की मार

खनन विभाग के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए घोघा में एनएच-80 पर मिट्टी और सफेद रेत की बेरोक-टोक ढुलाई हो रही है.

खनन विभाग के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए घोघा में एनएच-80 पर मिट्टी और सफेद रेत की बेरोक-टोक ढुलाई हो रही है. हैरत इस बात की है कि आंख के सामने से गुजर रहे वाहनों पर भी विभाग कार्रवाई करने की जुर्रत नहीं कर रहा है. ट्रैक्टर से सफेद बालू व मिट्टी का खनन जारी है. यह घोघा के ईंट भट्ठों में दिया जाता है. यह सिलसिला वर्षों से चल रहा है. प्रायः ट्रैक्टर चालक नाबालिग ही दिखते हैं. इस कार्य में अधिकांश दबंग प्रवृति के लोग जुड़े होते हैं, इसलिए आमलोग खुल कर विरोध भी नहीं कर सकते. खनन स्थल को स्थानीय भाषा में लोग मिट्टी ””””””””खदान”””””””” बोलते हैं. शंकरपुर लहोरी पुल व पीपा पुल के बीच लगभग एक दर्जन खदान है. सभी खदान एनएच-80 के उत्तर दियारा क्षेत्र में है. सभी खदान से कच्ची पहुंच पथ एनएच-80 तक जुड़ती है. पहुंच पथ से ही रेत व मिट्टी लदे ट्रैक्टर एनएच-80 होकर अपने-अपने गंतव्य ईंट भट्ठा तक जाता है.

जाम का बड़ा कारण ओवरलोड ट्रैक्टर भी

ओवरलोड बालू लदा ट्रैक्टर अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचने के पूर्व एनएच की सड़कों को धूल धूसरित करते हुए चलता है. धूल के कारण लोगों का जीवन नारकीय बना हुआ है. इन खदानों में कई अति संवेदनशील खदान हैं, हमेशा दुर्घटना होने का भय बना रहता है. घोघा में एनएच पर लगने वाले जाम के कई कारणों में एक मिट्टी व रेत ढुलाई का ट्रैक्टर भी है.

संवेदनशील खदान

मिट्टी व बालू ढुलाई के अति संवेदनशील खदानों में पहले स्थान पर पन्नूचक के सामने दियारा मार्ग, दूसरे स्थान पर कलाली चौक, घोघा बाजार के सामने आठगांवा दियारा मार्ग व आमापुर पूर्वी दियारा मार्ग है. इसके अलावा गोल सड़क पेट्रोल पंप के समीप, शाहपुर जख बाबा स्थान के समीप, आमापुर आदि है.

ट्रैक्टरों की संख्या

एक खदान में लगभग 100 से ज्यादा ट्रैक्टर ढुलाई कार्य में लगे होते हैं. ढुलाई कार्य में लगे सभी खदानों का आकलन किया जाय तो लगभग 1000 ट्रैक्टर प्रतिदिन मिट्टी व बालू ढुलाई कर रहे हैं. एक ट्रैक्टर प्रतिदिन 25 से ज्यादा खेप लगाता है. सवाल यह उठ रहा है कि इतने बड़े पैमाने पर घोघा इलाके में खनन, यातायात में परेशानी के बावजूद विभाग समुचित कार्रवाई नहीं कर रहा.

वरीय अधिकारी के छापेमारी की सूचना पहले मिल जाती है

अवैध खनन करने वालों को वरीय पदाधिकारी के आने की सूचना पहले मिल जाती है और ढुलाई बंद हो जाता है. पदाधिकारी के जाते फिर शुरू हो जाता है. हालांकि खानापूर्ति के लिए वरीय पदाधिकारी मिट्टी लदे एक-दो ट्रैक्टर को जब्त भी करते हैं, लेकिन ढुलाई पूर्ववत चालू रहता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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