बांका जिले के बड़ुआ डैम और मुंगेर के खड़गपुर जलाशय तक सुलतानगंज से गंगाजल लिफ्ट कर सिंचाई के लिए ले जाने की योजना का पहला चरण शनिवार को विवादों में उलझ गया. योजना के लिए कमरगंज प्रखंड के कमरगंज गांव वार्ड पांच में 35 बीघा जमीन चिह्नित की गयी है. इस भूमि पर जीभीआरपी कंपनी के कर्मी भूमि पूजन करने पहुंचे, लेकिन स्थानीय किसानों और युवाओं के विरोध से कार्यक्रम नहीं हो सका. किसानों का आरोप है कि चिन्हित भूमि का अधिग्रहण अभी तक नहीं हुआ है और मुआवजा राशि तय नहीं की गयी है. बिना उचित मुआवजा भुगतान के किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य स्वीकार्य नहीं है. शनिवार को जब कंपनी के कर्मचारी भूमि पूजन करने का प्रयास कर रहे थे, तब किसानों ने इसे रोकने का प्रयास किया. कंपनी के कर्मी अतुल सिंह ने जबरन भूमि पूजन करने का प्रयास किया, जिससे किसानों और स्थानीय युवाओं में आक्रोश फैल गया. कंपनी का कहना है कि चिह्नित भूमि पर जलाशय निर्माण के लिए प्लांट लगाया जायेगा और कार्य करने की विभागीय स्वीकृति मिल चुकी है. किसानों ने स्पष्ट किया कि जमीन अधिग्रहण के बिना तथा मुआवजा राशि तय किये बिना कोई काम नहीं होने देंगे. मुखिया भरत कुमार ने बताया कि चिह्नित भूमि पर स्थानीय युवा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए दौड़ और शारीरिक अभ्यास करते हैं. सरकार वैकल्पिक जमीन उपलब्ध कराए, तभी यह भूमि अधिग्रहित की जाए. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों और युवाओं के विरोध से शनिवार को भूमि पूजन नहीं हो सका. कमरगंज पंचायत के मुखिया ने बताया कि विगत दिन भूमि चिह्नित के बाद डीएलओ ने जमीन के कागजात की मांग की थी. बिना मुआवजा के भूमि पूजन से किसान व युवाओं में आक्रोश है. विधायक प्रो ललित नारायण मंडल ने कहा कि उन्हें भूमि पूजन की कोई जानकारी नहीं दी गयी थी. उन्होंने अधिकारियों से बातचीत कर पूरे मामले की जानकारी लेने और किसानों की समस्याओं का समाधान करने की बात कही. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक मुआवजा और जमीन संबंधी समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक परियोजना का काम शुरू नहीं होगा.
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