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bhagalpur news. मंत्रालय ने भागलपुर और मुंगेर से झारखंड जाने वाली सड़क के फोरलेन का लौटायी डीपीआर

भागलपुर और मुंगेर से झारखंड जाने वाली दो मार्गों का डेवलपमेंट फोरलेन में होना है

भागलपुर भागलपुर और मुंगेर से झारखंड जाने वाली दो मार्गों का डेवलपमेंट फोरलेन में होना है. दोनों के डीपीआर को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने लौटा दिया है. इसमें संशोधन कर फिर से भेजा जायेगा. नवगछिया-चौधरीडीह एनएच 131बी के डीपीआर में शामिल फ्लाइओवर, आरओबी व एप्रोच रोड को लेकर सवाल पूछ गये हैं. वहीं, मुंगेर-देवघर एनएच 333 को फोरलेन के डीपीआर में मोर्थ ने पूरे चैनेज में 17 किमी रोड को पहाड़ी क्षेत्र मानते हुए इसके बारे में सवाल किये हैं. फोरलेन के लिए डीपीआर में ट्रैफिक रिपोर्ट की भी मांग की है. भागलपुर : दो फेज में फोरलेन बनाने के लिए तैयार कराया डीपीआर भागलपुर जिले में एनएच 131बी की डीपीआर दो फेज में तैयार की गयी है. पहले फेज में नवगछिया से बरारी हाउसिंग बोर्ड मोड़ और दूसरे चरण में हाउसिंग बोर्ड मोड़ से चौधरीडीह तक है. जीरोमाइल फ्लाइओवर के बगल में एक और फ्लाइओवर व बंशीटीकर में एक आरओबी निर्माण की योजना है. दिल्ली की बीकेएस एजेंसी से एनएच 131बी की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करायी जा रही है. एजेंसी 35 लाख रुपये से दो चरणों में डीपीआर बना रही है. जीरोमाइल से चौधरीडीह तक डीपीआर तैयार करा ली जा रही है, ताकि भविष्य में समस्या नहीं हो सके. इसमें मुख्यालय से फ्लाइओवर, आरओबी व अप्रोच रोड को लेकर सवाल पूछ दिये गये हैं. मुंगेर : 3500 करोड़ से बनेगा फोरलेन, मोर्थ ने जतायी आपत्ति मुंगेर जिले के बरियारपुर से देवघर जाने वाले एनएच 333 को फोरलेन की डीपीआर को वापस कर दी है. महाराष्ट्र की एफपी इंडिया प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कंसल्टेंसी एजेंसी ने डीपीआर बनाया है. तकरीबन 141 किमी लंबे फोरलेन के लिए साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है. जिसमें मुंगेर के खड़गपुर, गंगटा जंगल (भीमबांध वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी), गिधौर, सोनो व चकाई में नया बायपास बनाने का काम होना है. नये बायपास व फोरलेन की सड़क के लिए 45 मीटर जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा. बिहार को झारखंड (बाबाधाम) से जोड़ने के लिए फोरलेन सड़क की डीपीआर में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) ने आपत्ति जतायी है. डीपीआर के अनुसार बरियारपुर से शुरू होने वाले एनएच 333 को देवघर तक 141 किमी में फोरलेन किया जाना है. फोरलेन व बायपास के लिए 45 मीटर चौड़ाई में भू-अर्जन करना पड़ेगा. मोर्थ ने पूरे चैनेज में 17 किमी रोड को पहाड़ी क्षेत्र मानते हुए इसके बारे में सवाल किये हैं. फोरलेन करने के लिए डीपीआर में ट्रैफिक रिपोर्ट की मांग की है. डीपीआर में अधूरी जानकारी पर सवाल फोरलेन के लिए 45 मीटर चौड़ाई में जमीन अधिग्रहित होनी है, लेकिन डीपीआर में उसके बारे में अधूरी जानकारी पर सवाल किया है. न्यूनतम खर्च के साथ कम एलिवेटेड रोड बनाने और कम ही जमीन अधिग्रहित करने पर संशोधन करने को कहा गया है. नदी, नालों व जल स्रोतों पर निर्माण का कितना असर होगा, इसके बारे में पूछा है. गिद्धौर बायपास के लिए पुन: मूल्यांकन करने को मोर्थ ने एजेंसी से कहा है. जिससे कम भू-अधिग्रहण करना पड़े. एनएच-333 को फोरलेन करने के लिए डीपीआर तैयार कर मोर्थ कार्यालय भेजा गया था. बायपास बनाने के लिए एलाइनमेंट बदलने के साथ कई स्ट्रेच पर मोर्थ ने सवाल किए हैं. डीपीआर की जांच कराई जा रही है. संशोधन कर भेजा जायेगा. उमाशंकर प्रसाद, अधीक्षण अभियंता, राष्ट्रीय उच्च पथ अंचल, भागलपुर

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