जोगसर थाना कांड संख्या 227/2024 में गंभीर अनियमितता और लापरवाही सामने आने के बाद पुलिस महानिरीक्षक, पूर्वी क्षेत्र भागलपुर विवेक कुमार ने जोगसर थाने के चार पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है. मामला भागलपुर नगर निगम क्षेत्र के बूढ़ानाथ मोहल्ले से जुड़ा हुआ है. इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, पटना के वरीय चिकित्सक डॉ नवल किशोर सिंह ने जमीन में जबरन घुसपैठ और तोड़फोड़ का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जोगसर थाने में प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों को त्रुटिपूर्ण अनुसंधान करते हुए कांड को असत्य कोटि में घोषित करते हुए न्यायालय में समर्पित करते हुए वादी के विरुद्ध ही बीएनएस की धारा 127/248 के विरुद्ध कार्रवाई हेतु प्रतिवेदन समर्पित कर दिया गया. फलस्वरूप वर्तमान में वादी डॉ सिंह को आरोपित के रूप में अपना पक्ष न्यायालय में रखना पड़ा रहा है. मामले में वादी डॉ नवलकिशोर सिंह ने पुलिस महानिरीक्षक पूर्वी क्षेत्र को आवेदन दे कर मामले की जांच कराने की गुहार लगायी थी. जब मामले की जांच फिर से करायी गयी तो अनुसंधान गलत और पक्षपातपूर्ण पाया गया. पुलिस महानिरीक्षक की समीक्षा में यह तथ्य सामने आया कि तत्कालीन अनुसंधानकर्ता पुलिस अवर निरीक्षक राजेश कुमार महतो, पुलिस अवर निरीक्षक हरिशंकर कश्यप, तत्कालीन थानाध्यक्ष कृष्णनंदन कुमार सिंह और निरीक्षक शांता सुमन द्वारा अनुसंधान में घोर लापरवाही बरती गयी. रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुसंधान के दौरान स्वतंत्र साक्ष्यों की अनदेखी की गयी. प्राथमिकी को बिना ठोस आधार के असत्य कोटि का मान लिया गया. आइजी ने एसएसपी भागलपुर को आदेश दिया है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 193(9) के तहत आगे अनुसंधान प्रारंभ किया जाये. साथ ही चारों पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई का आरोपपत्र तैयार कर अनुमोदन के बाद कार्रवाई सुनिश्चित की जाये.
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