दीपावली और छठ जैसे त्योहारों को लेकर भागलपुर का बाजार इन दिनों सुबह से लेकर देर रात तक खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है. दूरदराज से लोग कपड़ा, सजावटी सामान, मिठाई, बर्तन और खासतौर पर आभूषणों की खरीदारी को लेकर शहर पहुंच रहे हैं, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह लचर दिख रही है. ऐसे में शातिर अपराधी और लुटेरे मौका पाकर सक्रिय हो जाते हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि त्योहारों के वक्त शहर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस का रवैया ढीला रहता है. दिन में कुछ समय के लिए चेकिंग अभियान जरूर चलता है, लेकिन रात में पुलिस की गश्त लगभग न के बराबर होती है. बता दें कि दो दिन पूर्व खलिफाबाग चौक पर महिला से आभूषण की छिनतई हुई थी.
आचार संहिता में सुस्त प्रशासनचोरी का सताता है भय
वहीं त्योहार के मौके पर जहां व्यापार बढ़ता है. वहीं छोटे दुकानदारों के मन में चोरी का भय रहता है. स्ट्रीट वेंडर और मूर्ति विक्रेता रोहित सिंह सोढ़ी ने कहा कि बाजार में भीड़ रहती है, पर देर रात दुकानें बंद होने के बाद चोरी का खतरा बढ़ जाता है. सीसीटीवी लगाना बजट में तो नहीं है, लेकिन ये हमारी मजबूरी बन गयी है. खंजरपुर निवासी दुकानदार इमरान खान ने बताया कि रात के वक्त नशेड़ी और असामाजिक तत्व बाजारों में घूमते रहते हैं. त्योहार के दिनों में इनका आतंक और बढ़ जाता है. प्रशासन को रात में गश्त बढ़ानी चाहिए. भीखनपुर निवासी मौसम सिंह ने बताया कि त्योहार में बाजार जाने का मन करता है, लेकिन पिता मना करते हैं क्योंकि सड़क पर असामाजिक तत्वों की भरमार रहती है. एक बार पिताजी से बदसलूकी भी हो चुकी है. लागों का कहना है कि अगर त्योहारों के समय पुलिस की गश्त और निगरानी बढ़ायी जाए, तो अपराधियों पर अंकुश लगाया जा सकता है. भीड़भाड़ वाले इलाकों में सीसीटीवी कैमरे और महिला पुलिस की तैनाती जरूरी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

