लोक आस्था का महापर्व छठ शनिवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो जायेगा. जिले ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्य के निकटवर्ती जिले के श्रद्धालुओं का गंगा स्नान करने के लिए आना शुरू हो गया है. हजारों की भीड़ उमड़ रही है. सायंकालीन अर्घ सोमवार को है. बावजूद इसके जिले के विभिन्न गंगा घाटों पर अव्यवस्था फैली हुई है. शहर के गंगा तटों बरारी पुल घाट, सीढ़ी घाट, नील कोठी घाट, खिरनी घाट, आदमपुर घाट आदि में भी इस बार छठ व्रतियों को दलदल का सामना करना पड़ेगा. इतना ही नहीं छठव्रतियों को स्नान करने के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. विभिन्न गंगा तटों बरारी सीढ़ी घाट, एसएम कॉलेज सीढ़ी घाट, पुल घाट आदि पर भागलपुर ही नहीं, बल्कि पूर्वी बिहार, झारखंड के निकटवर्ती जिलों के लाेग गंगा घाट पर पहुंच कर गंगा स्नान कर रहे हैं. फिर भी कहीं शौचालय की सुविधा नहीं है, तो कहीं कपड़ा बदलने की पर्याप्त सुविधा नहीं दी गयी है. बरारी सीढ़ी घाट पर शौचालय व महिलाओं को कपड़े बदलने की सुविधा दी गयी है, लेकिन स्मार्ट सिटी के तहत बनाये गये बरारी पुल घाट पर शौचालय की सुविधा नहीं दी गयी है. दो शौचालय बनाये गये हैं, लेकिन चालू नहीं किया गया है. केवल कपड़ा बदलने के लिए एक टीना का घर बनाया गया है. स्मार्ट सिटी घाट को तैयार किये हुए एक साल भी नहीं हुआ और जगह-जगह कचरा व पान-गुटखा का पिक फेंका गया है. यहां सफाई की कोई सुविधा नहीं है, जबकि इससे पहले पुराने बरारी पुल घाट पर नगर निगम की ओर से सफाईकर्मी की व्यवस्था की गयी थी. एसएम कॉलेज घाट पर न कपड़ा बदलने की सुविधा है ओर न ही शौचालय की सुविधा है. बरारी पुल घाट व सीढ़ी घाट पर स्थानीय पार्षद सिंपी देवी एवं पार्षद प्रतिनिधि नंदगोपाल प्रसाद के प्रयास से पेयजल सुविधा दी गयी है. अंधेरे में होगी दिक्कत बरारी क्षेत्र के युवा राहुल कुमार, विजय कुमार, पप्पू कुमार, प्रीतेश कुमार आदि ने बताया कि बरारी सीढ़ी घाट रोड में ट्रांसफर्मर सड़क पर रहने से सड़क संकरी हो गयी है. गंगा से गाद हटाने की व्यवस्था नहीं की गयी है. सीढ़ी का गाद भी गंगा में फेंका जा रहा है. पूरे मार्ग में वेपर खराब है. सीढ़ी घाट व पुल घाट रोड का भी वेपर खराब है. सीढ़ी घाट में पुलिस की कमी है, जिससे हमेशा जाम लग रहा है. खिरनी घाट, मुसहरी घाट व एसएम कॉलेज घाट दलदल से पटा खिरनी घाट, मुसहरी घाट व एसएम कॉलेज घाट दलदल से पटा हुआ है. यहां जिस तरह नगर निगम की ओर से सुविधा दी जा रही है, लोगों को पर्व करना यहां खतरे से खाली नहीं है. इसके अलावा दीपनगर घाट, सखीचंद घाट पर भी कूड़ा-कचरा फैला हुआ है.
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