ललित किशोर मिश्र
इसीएल राजमहल से आने वाले कोयले के रैक को नार्थ बिहार के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए इकोनॉमिक-कॉरिडोर (तीसरी रेल लाइन) को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद भूमि अधिग्रहण को लेकर काम शुरू हो गया है. मुंगेर व भागलपुर रेल क्षेत्र में 66 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करना है. कंसल्टेंट एजेंसी के अमीन द्वारा भूमि अधिग्रहण को लेकर काम शुरू कर दिया गया है. बता दें कि अगस्त के अंतिम सप्ताह में केंद्रीय कैबिनेट से योजना को मंजूरी मिली.1094.53 करोड़ की लागत से 52.81 किलो मीटर तक तीसरी लाइन बिछाने का काम होगा. पहले 1893 करोड़ की योजना को मंजूरी के लिए रेलवे बोर्ड भेजा गया था. लेकिन रेलवे बोर्ड की बैठक में यह कह कर वापस कर दिया था कि राशि को कम कर के स्टीमेट बनाया जाये. वापस करने के बाद कंस्ट्रक्शन पूर्व रेलवे भागलपुर ने फिर से री-स्टीमेंट तैयार कर के योजना बनायी और उसे तैयार कर बोर्ड को भेजा था, बोर्ड ने इसे मंजूरी दे दी थी. अभी रेल खंड पर दो लाइन होने से मालवाहक ट्रेनों को जगह-जगह रुकना पड़ता है. तीसरी लाइन बिछने के बाद बेरोकटोक कोयला लदी ट्रेनें आगे बढ़ेंगी.– कोट
– कंसल्टेंट की ओर से नियुक्त अमीन ने भूमि अधिग्रहण को लेकर काम शुरू कर दिया गया है. तीसरी लाइन बिछने के बाद मालवाहक ट्रेनों को अवरोध का सामना नहीं करना पड़ेगा. तीन साल में काम पूरा कर लेने का लक्ष्य है. हेमंत कुमार, डिप्टी चीफ इंजीनियर, कंस्ट्रक्शन पूर्व रेलवे भागलपुर.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

