सुलतानगंज प्रखंड के आसियाचक पंचायत के नोनसर गांव में वार्ड संख्या 9 के करीब 30 से 32 परिवार इन दिनों भारी परेशानी में हैं. अंचल प्रशासन द्वारा उन्हें बिहार सार्वजनिक भूमि अतिक्रमण अधिनियम के तहत नोटिस जारी कर उनके घरों को सरकारी भूमि से हटाने का आदेश दिया गया है. नोटिस में कहा कि सभी मकान चाहे कच्चे हों या पक्के निर्धारित समय में अतिक्रमण मुक्त किए जाएं. जमीन सरकारी है. नोटिस के बाद ग्रामीण आक्रोशित है. पीड़ितों ने डीएम को आवेदन देकर पर्चा निर्गत की मांग की. आवेदन में बताया कि पिछले 80 वर्षों से पक्का बने पुश्तैनी घरों में रह रहे हैं, जिसे अब अतिक्रमण बताया जा रहा है. उसी पर सरकार ने उन्हें पहले इंदिरा आवास योजना के तहत घर भी बनवाए थे. गांव के कैलाश पासवान, विजय कुमार, अशोक बिंद, विक्रम कुमार आदि ने जिला पदाधिकारी को लिखित आवेदन देकर पूरी जमीन की जांच कराने और उन्हें गृहस्थल का पर्चा देने की मांग की है.
लिखित रूप से जिला पदाधिकारी को आवेदन में बताया है कि 80 वर्षों से खाता नंबर 180, खेसरा नंबर 400, रकबा 10 धूर मौजा रामपुर थाना नंबर 85 वार्ड नंबर 9 में रह रहे हैं. करीब 30 से 32 घर के सभी लोगों को पारिवारिक रूप से 80 वर्षों से जमीन पर रह रहे हैं. कोई विवाद नहीं है. इसी जमीन पर सरकार के द्वारा हम लोगों को इंदिरा आवास योजना का लाभ भी मिल चुका है. बताया कि वे वर्षों से अंचल कार्यालय में पर्चा निर्गत करने के लिए आवेदन दे रहे हैं, लेकिन आज तक उन्हें स्वामित्व प्रमाण नहीं मिला. अब सवाल यह उठता है कि यदि यह भूमि सरकारी है, तो अतीत में इन्हीं लोगों को उसी जमीन पर आवास योजना का लाभ कैसे दिया गया? जो जांच के बाद मामला स्पष्ट होगा. ग्रामीणों ने डीएम से गुहार लगाई है कि निष्पक्ष जांच कर उन्हें कानूनी स्वामित्व का अधिकार दिया जाए, ताकि दशकों से बसे परिवार बेघर होने से बच सकें.
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