भागलपुर: जेएलएनएमसीएच (मायागंज हॉस्पिटल) के सर्जरी विभाग में बेड से ज्यादा मरीज भरती हो रहे हैं. यही कारण है कि 100 बेड वाला सर्जरी विभाग मरीजों की बढ़ती भीड़ के आगे खुद ही बीमार नजर आता है. मरीज जमीन पर लेटकर अपने ऑपरेशन का इंतजार करने को मजबूर हैं. मरीजों का कहना है कि तमाम दुश्वारियों के बावजूद यहां पर इलाज तो हो जाता है. कुछ मरीजों का कहना है कि गरीबी ही जमीन पर लेटकर आॅपरेशन कराने का इंतजार कर रही है. नहीं तो पैसे वालों के लिए प्राइवेट अस्पताल या फिर पटना, सिलीगुड़ी या कोलकाता तो है ही.
हर रोज दो दर्जन ऑपरेशन, फिर भी सात से 15 दिन तक आपरेशन के लिए इंतजार : सर्जरी विभाग में इस वक्त कुल 20 सर्जन तैनात हैं. विभाग के अध्यक्ष प्रो (डॉ) उपेंद्र नाथ बताते हैं कि हर रोज विभाग की दो और इमरजेंसी के एक आॅपरेशन थिएटर में औसतन 22 से 25 छोटे-बड़े आॅपरेशन किये जाते हैं. बावजूद मरीज की संख्या इतनी है कि आपरेशन के लिए उन्हें जल्दी डेट नहीं मिल पाता है.
प्रधान सचिव का वादा भी अभी तक पूरा नहीं
18 जनवरी को जेएलएनएमसीएच के निरीक्षण को पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने विभाग में मरीजों की ओवरलोड स्थिति को देखा-जाना था. उन्होंने कहा था कि सर्जरी विभाग में बेड की संख्या 120 से बढ़ाकर 200 की जायेगी. लेकिन आज तक उनके द्वारा किया वादा अब तक पूरा तो छोड़िए शुरू तक नहीं हो पाया. अगर ये हो जाता तो मरीजों की दुश्वारियां कम हो जाती.
