भागलपुर : कहलगांव में विक्रमशिला के खुदाई स्थल के नजदीक अंतीचक में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संबोधन से पहले तमाम जन प्रतिनिधियों ने अपने संबोधन में विक्रमशिला में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना पर जोर दिया. चाहे केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूढ़ी हो या फिर मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि जल संसाधन मंत्री ललन सिंह, सभी ने एक सुर से केंद्रीय विवि की पैरवी की. सभी ने महामहिम को भरोसा दिलाया कि विक्रमशिला को लोकप्रिय बनायेंगे और इसके पुराने अस्तित्व को दोबारा वापस लौटाने का प्रयास होगा.गोड्डा सांसद बोले, विक्रमशिला बिहार की धरोहर है : गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि मेरे पास बोलने के लिए शब्द नहीं है. जिस धरती पर मैंने जन्म लिया, उस विक्रमशिला का मैं बेटा हूं. यह मेरा घर है और यहां महामहिम आये हैं. जब कभी गांव आना होता है, तब यह इच्छा होती है कि इसका भी कोई तारणहार होना चाहिए.
उन्होंने विक्रमशिला के इतिहास के बारे में बताया कि एक बार विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने नालंदा विश्वविद्यालय के कोष (खजाना) का कंट्रोल किया था. उस समय विक्रमशिला विश्वविद्यालय से ही वहां टीचर को देने तक के लिए पैसे भेजे गये थे.विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने ही वाइस चांसलर का सिस्टम दिया है. उन्होंने कहा कि देश के लोगों को राष्ट्रपति के आने से विक्रमशिला का पता चलेगा. यह बिहार की धरोहर है और यहां पर केंद्रीय विश्वविद्यालय होना जरूरी है. उन्होंने राष्ट्रपति से अपील की कि विक्रमशिला के अस्तित्व को लौटा दीजिये.
सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने कहा कि तीन अप्रैल को राष्ट्रपति के आगमन का दिन स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा. भागलपुर पूरे देश के मानचित्र पर होगा. यहां पर सिल्क का कारोबार होता है और कपड़े पूरे देश में जाते हैं. भागलपुर के गौरव के रूप में विक्रमशिला विश्वविद्यालय की अगर बात करें तो इसको लौटाने का काम करेंगे. उन्होंने राष्ट्रपति से दो मांगें कीं, जिनमें विक्रमशिला में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना और दूसरा पटना हाइकोर्ट की भागलपुर में खंडपीठ की स्थापना शामिल हैं. उन्होंने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपका लंबा अनुभव रहा है. इस अनुभव से वे देश को ऊंचाई पर ले गये हैं. बिहार के मुख्यमंंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव हमेशा आपकी चर्चा करते रहते हैं.