भागलपुर :बिहारके भागलपुर में शाहकुंड की भुलनी पंचायत मैदान में जल-जीवन-हरियाली जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से बिहार को सूखा और बाढ़ जैसी समस्याओं का हर वर्ष सामना करना पड़ रहा है. समय रहते सचेत होना पड़ेगा, प्रतिकूल मौसम के कारण हम बहुत संकट में पड़ने वाले हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ी की सुरक्षा के लिए बिहार सरकार ने जल-जीवन-हरियाली योजना की शुरू की है. जल जीवन हरियाली वाक्य में बीच में जीवन है, उसके एक तरफ जल और दूसरी तरफ हरियाली है. बिना जल और हरियाली के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. हमारा जीवन जल और जीवन पर निर्भर है, नहीं तो जीवन संकट में आ जायेगा. इसी अभियान को सफल बनाने के लिए वह पूरे बिहार में लोगों से मिल रहे हैं.
सीएम ने कहा कि 2018 में सूबे के 534 में से 280 प्रखंड सूखे की चपेट में थे. वहीं 2019 में मानसून की शुरुआत में बारिश नहीं हुई, जबकि अंत समय ऐसी मूसलधार बारिश हुई कि गंगा समेत दूसरी नदियों के किनारे बसे कई शहर में भयावह बाढ़ आयी. 15 जून से मानसून की बारिश बिहार में होने लगती थी. अब कब बारिश हो जाये कहना मुश्किल है. आज से 30 वर्ष पहले बिहार में 1200 से 1500 मिलीमीटर बारिश सालभर में होती थी. अब यह आंकड़ा घटकर 901 मिलीमीटर पर पहुंच गया है. पहले दक्षिण बिहार में सूखे का असर दिखता था. अब मिथिलांचल के इलाके भी सूखे की चपेट में आ गये हैं.
पर्यावरण के संतुलन को साधने के लिए हमें अब सजग होना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि बिहार में 15 साल पहले 9 प्रतिशत वन व हरित आवरण थे. 19 करोड़ पेड़ लगाकर इसे 15 प्रतिशत किया गया. जल जीवन हरियाली के तहत एक दिन में 8 करोड़ पेड़ लगाये जायेंगे.
मानव शृंखला में शामिल होकर पर्यावरण संरक्षण का लें संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के तहत दस कार्य पूरे किये जाएंगे. पहला, सार्वजनिक पोखर, तालाब, आहर पइन को अतिक्रमण मुक्त कर इसका जीर्णोद्धार किया जायेगा. छोटी नदियों, जंगल पहाड़ी पर चेक डैम बनाकर जल संरक्षण किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि 19 जनवरी को जल जीवन हरियाली योजना के समर्थन में मानव शृंखला में शामिल होकर संकल्प लें. 2018 में 14 हजार किलोमीटर लंबी शृंखला लगी थी. इस बार 16 हजार किलोमीटर शृंखला का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने सभा में आये लोगों से हाथ उठाकर मानव शृंखला में शामिल होने का समर्थन प्राप्त किया. उन्होंने कहा कि वहीं हर घर शौचालय व हर घर नल का जल की योजना से आमलोगों की बीमारी 90 प्रतिशत तक कम की जायेगी.
देश में सबसे अधिक जागृति बिहार की महिलाओं में
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में सबसे अधिक जागृति बिहार की महिलाओं में आयी है. पहले गरीब की बेटियां पढ़ाई नहीं कर पाती थी. किसी तरह मिडिल पास होने के बाद घर में बैठ रहती थी, लेकिन बीते 15 वर्षों में बिहार की महिलाओं और लड़कियों में आत्मविश्वास कई गुना बढ़ा है. पहले सड़क पर लड़कियां साइकिल नहीं चलाती थी. अब दसवीं में पहुंचते ही छात्राओं को साइकिल दी जा रही है. इंटर पास करने पर अविवाहित छात्रा को दस हजार व ऑनर्स पास करने पर अविवाहित छात्राओं को 25 हजार रुपये पुरस्कार दिया जा रहा है.
बिहार में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है. पंचायती राज में 50 प्रतिशत आरक्षण के बाद बिहार के नगर निकाय व पंचायती राज में मुखिया, सरंपच के आधे पद पर महिलाएं काबिज हैं. उन्होंने कहा कि 15 साल पहले 1.70 लाख छात्राएं नवम कक्षा में नामांकित थे, इस समय इसकी संख्या बढ़कर नौ लाख पहुंच गयी है. उन्होंने कहा कि महिला साक्षरता से प्रजनन दर में कमी आ रही है. मैट्रिक पास महिलाओं को औसत दो बच्चे व इंटर पास महिलाओं को औसत दो से कम 1.6 बच्चे हैं.
10 लाख स्वयं सहायता समूह का लक्ष्य था, नौ लाख पूरे हुए
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जीविका के माध्यम से बिहार की महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है. वर्ल्ड बैंक से कर्ज लेकर जीविका की स्थापना की गयी. उस समय 10 लाख स्वयं सहायता समूह का गठन का लक्ष्य रखा गया था. इसकी संख्या नौ लाख तक पहुंच गयी है. सीएम ने कहा कि शराबबंदी के बाद महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार आयी है. बाल विवाह की रोकथाम, दहेज मुक्ति के लिए सरकार का अभियान सफल हो रहा है.
चुनाव से पहले तक हर घर में नल का जल
सीएम ने कहा कि हर घर बिजली, हर घर नल जल व जीविका को देखकर ऐसी योजना केंद्र सरकार भी चला रही है. शराबबंदी की सफलता के लिए राजस्थान समेत कई राज्यों ने बिहार के मॉडल को अपनाया है. बिल गेट्स ने बिहार के जल जीवन हरियाली याेजना को सबसे बेहतर योजना बताया है. नीतीश कुमार ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले हर घर नल व पक्की नाली गली से जुड़ जाएंगे. हर घर को बिजली से जोड़ दिया गया है, अब सौर ऊर्जा को बढ़ावा देकर प्रदूषणमुक्त ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है. हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, जीएनएम कॉलेज व अनुमंडल स्तर पर एनएनएम कॉलेज खोले गये.
मंच पर आसीन थे
मंच पर मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, जल संसाधन विकास मंत्री संजय झा, भवन निर्माण सह जिला प्रभारी मंत्री अशोक चौधरी, सांसद अजय कुमार मंडल, राज्यसभा सदस्य कहकशां परवीन, सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार, जिला परिषद अध्यक्ष अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह, मेयर सीमा साहा, डिप्टी मेयर राजेश वर्मा, जिप उपाध्यक्ष आरती कुमारी, शाहकुंड प्रखंड प्रमुख व भुलनी पंचायत की मुखिया समेत कई जनप्रतिनिधि माैजूद थे.