भागलपुर : बरारी वाटर वर्क्स के इंटक वेल से गंगानदी काफी दूर चले जाने से पानी की उपलब्धता काफी कम हो गयी है. मजबूरीवश वाटर वर्क्स प्रबंधन को जमुनियां धार के नाला मिले पानी को शहर में सप्लाई करना पड़ रहा है. लेकिन मानिक सरकार घाट से बिल्कुल सटे पांच किलोमीटर लंबी बैरिया धार में लाखों गैलन साफ पानी जमा है.
बैरिया धार की गहराई पांच फीट व चौड़ाई करीब सौ मीटर है. इस क्षेत्रफल में लाखों गैलन जमा साफ पानी से शहर की प्यास बुझ सकती है. बैरिया धार के निरीक्षण के दौरान प्रभात खबर टीम ने पाया कि अगर मानिक सरकार घाट से सटे बैरिया धार में एक छोटी नहर बना दी जाये तो वाटर वर्क्स तक साफ पानी की उपलब्धता काफी बढ़ेगी. साथ वाटर वर्क्स के सामने जमा पानी का प्रदूषण स्तर भी काफी कम हो जायेगा.
पांच साल पहले तक मानिक सरकार घाट तक बहती थी बैरिया धार : पांच साल पहले तक बैरिया धार से सहारे गंगानदी की धारा मानिक सरकार घाट तक पहुंचती थी. लेकिन मानिक सरकार घाट के पास गाद जमा होने से पानी का प्रवाह जमुनियां धार में आना बंद हो गया. इस कारण शहर के वाटर वर्क्स तक साफ पानी की उपलब्धता कम हो गयी.
इधर, विक्रमशिला सेतु के नीचे राघोपुर घाट से बरारी पुल घाट तक गंगानदी की एक नहरनुमा धार बहती थी. इस होकर भी वाटर वर्क्स को काफी पानी उपलब्ध होता था. इधर, बैरिया धार के किनारे खेताबाड़ी करने वाले किसानों ने बताया कि अप्रैल मई तक पानी काफी कम हो जायेगा. बेहतर है कि शहर की प्यास बुझाने के लिए इस पानी का उपयोग हो. इससे धार के पार जाने में किसानों को कोई तकलीफ भी नहीं होगी.