भागलपुर : सरकार से भेजे मुख्यमंत्री नगर विकास योजना के फंड को पटल बाबू रोड के इंडियन बैंक के शाखा में जमा करा दिया गया. मगर प्रशासन के खाता से राशि की निकासी हो गयी और खाता पर नजर रखनेवाले अंजान बने रहे. बैंक के पासबुक को अपडेट करने के बजाय भेजे गये खाता विवरणी को अंतिम माना गया. इसमें जाली दस्तावेज के साथ ही जिलाधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर का इस्तेमाल हुआ.
डीएम के निर्देश पर जांच टीम गठित : तत्कालीन डीएम आदेश तितरमारे ने चार अगस्त को एक शिकायत के आधार पर डीडीसी अमित कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम से फर्जीवाड़े की जांच करायी.
यह रही गलती पर गलती : पहली गलती: उप विकास आयुक्त की जांच टीम ने जब इंडियन बैंक के सहायक बैंक प्रबंधक की सत्यापित खाता विवरणी लिया तो उनके होश उड़ गये थे. उनके मुताबिक, तीन अगस्त तक खाता में एक करोड़ 10 लाख 13 हजार 970 रुपये हैं. जबकि चेक निर्गत पंजी में दिखाये शेष राशि के अनुसार, इंडियन बैंक के सरकारी खाता में 11 करोड़ 36 लाख 72 हजार 269 रुपये होने चाहिए.
बैंक पर आरोप: इंडियन बैंक ने फर्जी खाता विवरणी के माध्यम से गलत तरीके से निकाली राशि को छुपाने का प्रयास किया.
दूसरी गलती: नजारत शाखा की चेक निर्गत पंजी में 27 सितंबर 2014 को ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के चेक संख्या 929602 के माध्यम से 12 करोड़ 20 लाख 15 हजार 75 रुपये की प्राप्ति दर्शायी गयी है. खाता विवरणी की सत्यापित प्रति में उक्त राशि कभी खाता में नहीं आयी.
आरोप: मुख्यमंत्री नगर विकास योजना के ओरियंटल बैंक के खाता से चेक संख्या 929602 से 12 करोड़ 20 लाख 15 हजार 75 रुपये इंडियन बैंक में जमा कराने के लिए भेजा गया था, जो जमा नहीं हुआ. यह ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का चेक सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के खाता संख्या- 822726685 में डाल दिया गया. पासबुक को 30 सितंबर 2014 के अपडेट में पता लगा कि चेक का भुगतान सृजन महिला सहयोग समिति लिमिटेड के खाता में हो गया.
तीसरी गलती: सत्यापित खाता विवरणी में वर्ष 2016 के एक सितंबर, तीन सिंबर व छह सितंबर को चेक संख्या 656885, 686866 तथा 686872 के माध्यम से राशि क्रमश: तीन करोड़, एक करोड़ व डेढ़ करोड़ रुपये सृजन महिला सहयोग समिति लिमिटेड के खाता में गये.
आरोप: जिला प्रशासन के इंडियन बैंक के खाता का चेक बुक 18 अगस्त 2016 को मांगा गया. इस संबंध में जिलाधिकारी का बैंक प्रबंधक को पत्र भेजा गया. बैंक ने 656861 से 656880 सिरीज का चेक बुक दिया. बैंक प्रबंधक को भेजे गये जिलाधिकारी का पत्र जाली प्रतीत हुआ. पत्र में दिनांक व पत्रांक का उल्लेख नहीं है. डीएम का भी फर्जी हस्ताक्षर है. जिला नजारत शाखा से भी ऐसा कोई पत्र नहीं जारी हुआ है. बैंक के अनजान पत्र के माध्यम से चेक बुक दिया गया और इस चेक से कुल पांच करोड़ 50 लाख रुपये सृजन महिला सहयोग समिति लिमिटेड को भेजा गया.