- एनएच-80 पर 24 घंटे में गुजरने वाले ट्रकों की संख्या तकरीबन 50 हजार हो गयी, जो पहले 24 हजार थी
- जाम में फंस कर ट्रकों का माइलेज आधा, हर दिन 10 करोड़ का डीजल बर्बाद
- ट्रकों के लिए बाइपास रोड बना स्टैंड, सड़क हो रहा क्षतिग्रस्त, एसेसरीज तक हो रहे डैमेज
- एक वाहन खराब हुआ तो थम जाता है हजारों ट्रकों का चक्का
- सरकारी बस स्टैंड तिलकामांझी से रोजाना खुलती थी 90 बसें, अभी आधे भी नहीं
- प्राइवेट बस स्टैंड में भी सन्नाटा, चौथाई से भी कम बसें खुल रहीं
- मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों की संख्या घटी
- बांका व कटिहार के लोग भी भागलपुर आने से कतराने लगे
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भागलपुर : 10 दिन के जाम ने बाजार की कमर तोड़ी, त्राहिमाम
भागलपुर : कुरसेला पुल से लेकर बौंसी तक भाया विक्रमशिला सेतु जाम से भागलपुर टापू बन गया है. जिला प्रशासन, परिवहन निगम व पुलिस प्रशासन भी इस जाम से त्राहिमाम की स्थिति में है. आठ दिसंबर से रोजाना जाम लग रहा है. जाम एक तरफ कुरसेला पुल (कटिहार) से भागलपुर शहर व दूसरी ओर भागलपुर […]
भागलपुर : कुरसेला पुल से लेकर बौंसी तक भाया विक्रमशिला सेतु जाम से भागलपुर टापू बन गया है. जिला प्रशासन, परिवहन निगम व पुलिस प्रशासन भी इस जाम से त्राहिमाम की स्थिति में है. आठ दिसंबर से रोजाना जाम लग रहा है. जाम एक तरफ कुरसेला पुल (कटिहार) से भागलपुर शहर व दूसरी ओर भागलपुर शहर से बौंसी (बांका) तक करीब 100 किलोमीटर से अधिक लंबा हो गया है.
इसका मुख्य कारण बंगाल से डायवर्ट हुई ट्रकों का रेला है. फरक्का ब्रिज की मरम्मत के कारण उत्तर बिहार, नॉर्थ इस्ट, नेपाल जाने वाली ट्रकों ने भागलपुर जिले का रुख कर लिया है. विक्रमशिला सेतु इस समय बिहार, बंगाल और झारखंड को जोड़ने वाली एक मात्र पुल है. इससे एनएच-80 पर 24 घंटे में गुजरने वाले ट्रकों की संख्या तकरीबन 50 हजार हो गयी है, जो पहले 24 हजार थी.
कटिहार मंडी नहीं पहुंच रहे ट्रक: गेड़ाबाड़ी (कटिहार) से नवगछिया के बीच जाम लगने के कारण व्यवसाय पर प्रतिकूल असर पड़ा है. कटिहार जिला मुख्यालय स्थित न्यू मार्केट जिले का सबसे बड़ा मंडी माना जाता है.
इस मंडी में प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक खाद्य सामग्री की आवाजाही होती है, लेकिन गेड़ाबाडी से नवगछिया के बीच डुमर, समेली, कुरसेला, नवगछिया के पास एनएच पर जाम लगे रहने के कारण कटिहार मंडी में समय पर ट्रक नहीं पहुंच रहा है.
भागलपुर शहर के अंदर और बाहर लगने वाले जाम ने बिहार राज्य पथ परिवहन निगम भागलपुर की आर्थिक कमर तोड़ दी है. बसें जो रोजाना चार से पांच बार दूसरे शहर में आया जाया करती थी इन दिनों एक बार भी चक्कर नहीं लगा पा रही हैं.
सरकारी बस स्टैंड तिलकामांझी से लंबी दूरी की बस नहीं चलती है. यहां से पूर्णिया, कटिहार, बांका, कुरसेला, खगड़िया, देवघर, गोड्डा, दुमका, तारापुर, चलना, बेगूसराय समेत अन्य जिलों के लिए बस खुलती हैं.
प्राइवेट बसों का भी वही हाल है. लंबी दूरी की बसें पूर्णिया से आ ही नहीं पाती हैं, जो झारखंड तक जाये. पूर्णिया-कटिहार के बीच चलने वाली बसों का परिचालन भी दयनीय स्थिति में है. सोमवार को सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (संचालक) राम नारायण दूबे उन्होंने बताया कि डीजल की खपत जाम के कारण बीस प्रतिशत तक बढ़ गयी है.
कुरसेला पुल से बौंसी तक वाया विक्रमशिला सेतु महाजाम
विक्रमशिला टीओपी से लेकर जाह्नवी चौक के बीच भागलपुर पुलिस की ट्रैफिक रेगुलेशन टीम जाम क्लियर करवाने के लिए लगायी गयी है. बाइक रेगुलेशन की तीन टीम जाम की मॉनीटरिंग करेगी और इसकी रिपोर्ट सौंपेगी.
इसके अलावा नवगछिया एसपी से बात कर तेतरी चौक से लेकर जाह्नवी चौक के बीच जाम को कंट्रोल करने पर विचार कर निर्णय लिया गया है. जाम नहीं लगे इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है.
– आशीष भारती, एसएसपी, भागलपुर
80 दिन और झेलनी होगी परेशानी
बसों का परिचालन हुआ कम, एक दिन में एक ट्रिप लगाती हैं सरकारी व निजी बसें
जाम से निराकरण के लिए होती हैं सिर्फ बैठकें अधिकारियों का प्लान धरातल पर नहीं उतर पाता
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