सृजन घोटाला
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333.44 करोड़ की सरकारी राशि गटक गये घोटालेबाज
सृजन घोटाला चार अफसरों के कार्यकाल में भू-अर्जन के खाते में जमीन अधिग्रहण के नाम पर आयी राशि में लगी सेंध, जमकर हुई लूट महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट में भू-अर्जन के खातों की पड़ताल में चौंकाने वाले खुलासे फरवरी 2014 से जून 2016 के बीच सबसे अधिक 285.32 करोड़ रुपये की अवैध निकासी भागलपुर : […]
चार अफसरों के कार्यकाल में भू-अर्जन के खाते में जमीन अधिग्रहण के नाम पर आयी राशि में लगी सेंध, जमकर हुई लूट
महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट में भू-अर्जन के खातों की पड़ताल में चौंकाने वाले खुलासे
फरवरी 2014 से जून 2016 के बीच सबसे अधिक 285.32 करोड़ रुपये की अवैध निकासी
भागलपुर : भूमि अधिग्रहण को लेकर आयी सरकारी राशि की लूट की शुरुआत वर्ष 2007 के मार्च से हुई और यह सिलसिला नवंबर 2016 तक चला. मुख्य रूप से चार अफसरों के कार्यकाल के दौरान भू-अर्जन के खाते में घोटालेबाजों ने सेंध लगाया और 24 बार की अवैध निकासी कर 333.44 करोड़ रुपये गटक गये. घोटाले का खुलासा होने पर चार अफसरों में से एक पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह आरोपित बनाये गये हैं. जिनके खिलाफ सीबीआइ ने चार्जशीट दाखिल किया है.
राेचक तथ्य यह है कि, सृजन के घोटालेबाजों ने भू-अर्जन के खाते से कई बार की अवैध निकासी कर ली और तभी के अफसरों को मामले की भनक तक नहीं लगी. पिछले दिनों महालेखाकार के ऑडिटर की पड़ताल में फरवरी 2014 से जून 2016 के बीच सबसे अधिक 285.32 करोड़ रुपये की अवैध निकासी उजागर हुई है.
यह कार्यकाल आरोपित पूर्व भू-अर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह के कार्यकाल में रहा. सबसे अधिक बार अवैध राशि की निकासी पूर्व भू-अर्जन पदाधिकारी निरंजन कुमार झा के दौरान 13 बार की गयी. हाल यह रहा कि, घोटाले के दौर में भू-अर्जन के तीन नये खाते से 279.16 करोड़ रुपये की चपत लगायी गयी.
कई चेक के भुगतान में बैंकिंग प्रणाली पर भी उठे सवाल : महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर भू-अर्जन से भी जवाब भेजा गया है. इसमें कई संख्या में खुले विभाग के खाते व चेक के भुगतान संबंधी सवाल पर कागजात के साथ जवाब दिये गये हैं. सूत्रों के मुताबिक, कई बैंक खाते के खोलने के मामले में कहा गया कि, कुछ खाते को सरकार के निर्देश पर खोला गया, जिसका पत्र भी जारी है. चेक के भुगतान संबंधी मसले पर अवैध राशि की निकासी मामले में कई चेक के भुगतान में बैंकिंग प्रणाली पर भी सवाल उठाये गये हैं. करीब सात चेक का भुगतान भू-अर्जन पदाधिकारी के हस्ताक्षर से उनके विभाग के खाते में होना था. मगर उस चेक के पीछे सृजन समिति के खाते में भुगतान का मुहर लगाकर उसे क्लीयर कर दिया गया. यहां तक की सृजन के मुहर पर संचालिका मनोरमा देवी का हस्ताक्षर भी नहीं है.
भू-अर्जन पदाधिकारी के कार्यकाल व अवैध निकासी के मामले
अफसर निकासी संख्या निकासी (करोड़ों में)
जयश्री ठाकुर 2 0.88
वीरेंद्र कुमार मिश्रा 0 0.00
जयश्री ठाकुर 2 10.00
निरंजन कुमार झा 13 27.80
ईश्वर चंद्र शर्मा 0 0.00
श्यामानंद शर्मा 0 0.00
दीवान जफर हुसैन खान 0 0.00
राजीव रंजन सिंह 4 285.32
जीतेंद्र प्रसाद साह 2 9.44
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