भागलपुर : फर्जी लॉ की डिग्री मामले में टीएमबीयू पहुंचे दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उनका डिग्री सही है. विवि गलत कर रहा है. डिग्री सही है, तभी कोर्ट में गये है. विवि में भी अपना पक्ष रखने आ रहे है. टीएमबीयू ने बिना पक्ष व आधार के लॉ की डिग्री फर्जी कैसे घोषित कर सकता है. डिग्री को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है. कोर्ट के आदेश के बाद ही डिग्री मामले में टीएमबीयू पक्ष रखने आ रहे है.
सोमवार को फिर अपना पक्ष रखने लिए तोमर अपने तीन वकीलों के साथ टीएमबीयू के रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचे. हालांकि, रजिस्ट्रार के छुट्टी रहने पर प्रभारी रजिस्ट्रार सह डीएसडब्ल्ये से मिले. डिग्री संबंधित अलग-अलग विवि के दस्तावेज तोमर के वकीलों ने विवि के अधिकारियों को उपलब्ध कराया. फर्जी डिग्री घोषित किये जाने पर तोमर ने अपना पक्ष रखा. करीब तीन घंटे तक विवि में रहने के बाद तोमर अपने वकीलों के साथ निकल गये. पिछले सप्ताह भी आधा दर्जन वकीलों के साथ लॉ की फर्जी डिग्री मामले में ही अपना पक्ष रखने आये थे.
तोमर से पूछे जाने पर क्या आपका डिग्री फर्जी है. इसे लेकर तोमर ने सीधे-सीधे विवि को दोषी बताया. स्पष्ट शब्दों में कहा कि लॉ की डिग्री सही है. विवि वेबजह लॉ की डिग्री को फर्जी घोषित बता रहा है. डिग्री संबंधित सारे कागजात उनके पास है. विवि को भी उपलब्ध कर दिया गया है. मामले को लेकर कोर्ट से निर्णय आना बाकी है.
विवि सूत्रों के अनुसार फैजाबाद विवि से तोमर की बैचलर की डिग्री के दस्तावेज मंगाया गया है. इसमें विवि ने बैचलर की डिग्री संबंधित कोई जानकारी टीएमबीयू के उपलब्ध नहीं कराया है. ऐसे में सवाल उठता है कि तोमर ने वीएनएस लॉ कॉलेज मुंगेर में किस आधार पर नामांकन कराया. मामले को लेकर विवि ने तमाम बिंदुओं पर जांच करने के बाद पाया था कि डिग्री लेने में धोखाधड़ी की गयी है.
सूत्रों के अनुसार मामला सामने आने के बाद विवि ने धोखाधड़ी का आरोप लगा थाना में रिपोर्ट दर्ज करायी थी. इससे पहले पिछले साल की सीनेट बैठक में सदन ने तोमर की डिग्री रद्द करने की अनुशंसा की थी. इसके बाद अंतिम मोहर के लिए राजभवन को डिग्री रद्द करने के लिए विवि से पत्र लिखा गया था.