सतीश कुमार पांडेय, नरकटियागंज
नगर के वार्ड संख्या एक का वह घर जहां बीते वर्ष 7 जून 2024 को कार्यपालक सहायक संजीव वर्णवाल ने पीली धोती और क्रीम कलर के कुर्ते के साथ अपनी हमसफर निशा के साथ गृह प्रवेश किया था उसी घर पर आज विरानगी छायी है. पिता छोटेलाल प्रसाद गुमसुम है. मां विद्यापति देवी लाचार हो कर एक टक अपने बेटे की तस्वीर को देख रही है. उसी घर में आठ साल का सचिन और 4 साल की मिल्की सशंकित होकर बैठे है.
उनके प्यारे पापा अब इस दुनिया में नहीं है. और प्यार दुलार का नाटक करने वाली मां अब जेल जा चुकी है. एक परिवार की खुशियां चाकू और गोलियों से सदा के लिए छीन गयी. प्रेम प्रसंग की आग में एक मां ने न केवल अपने पति को खोया बल्कि उन मासूमों के चेहरो से वो खुशियां वो उम्मीदें छीन ली जिसे उन्हे अभी सबसे अधिक जरूरत थी. पति के होते हुए पहले भांजे और बाद में अनगिनत प्रेमी बनाने वाली निशा सचिन के प्यार में इस कदर पागल हो गयी की पति को चाकू से गोद गोद कर मरवा दिया और बाद में प्रेमी सचिन को बचाने के लिए भूमि विवाद का बहाना बना कर मोहित राज और सभापति पुत्र सत्यम श्रीवास्तव के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करवा दी. लेकिन पुलिस को जब ये पता चला कि आठ माह पूर्व वर्ष 2024 में 7 जून से सभी उसी घर में रह रहे हैं तो कोई बवाल नहीं हुआ और एकाएक सात माह बाद कैसे कोई हत्या करवा सकता है. पुलिस ने हत्या के दिन से ही निशा पर नजर रखनी शुरू कर दी और अंतत: मामले का पटाक्षेप हो गया.
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