नरकटियागंज. नगर अवस्थित सेंट्रल बैंक के समीप दो बुजर्ग बदमाशों ने एक महिला से झपट्टा मार कर 49 हजार रूपये की छिनतई कर ली. महिला की शिकायत और हो हल्ला करने पर स्थानीय लोगों और शिकारपुर पुलिस की सक्रियता से दोनों बदमाशों को पकड़ लिया गया. गिरफ्तार बदमाशों में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के कसेया थाना क्षेत्र के भथाई गांव निवासी समशुद्दीन मियां और दाऊद मियां शामिल है. शिकारपुर पुलिस ने उनके कब्जे से लूटी गई रकम भी बरामद कर ली है. घटना के संबंध में बताया जाता है कि नगर के मेन रोड में अवस्थित सेंट्रल बैंक में शिकारपुर थाना क्षेत्र के बड़निहार गांव निवासी पुनीलाल महतो की पत्नी गीता देवी 49 हजार रुपए निकासी कर बैंक में ही गिनने लगी. उसी दौरान उक्त दोनों बुजुर्ग वहां पहुंचे और झपट्टा मारकर महिला से रुपए छीन कर भागने लगे. हो-हल्ला मचा तो बाहर खड़े कुछ लोगों ने दोनों को दौड़कर पकड़ लिया. छीना हुए रुपए दोनों के पास ही था. उसके बाद लोगों ने दोनों को पीटना शुरू कर दिया. उसी समय पुलिस पहुंच गई और दोनों को भीड़ से बचाकर थाने ले गई. दोनों बुजुर्ग के पास से महिला से छीने हुए 49 हजार रुपए पुलिस ने बरामद कर लिया. मामले में गीता देवी ने शिकारपुर थाना में एफआइआर दर्ज कराई है. जिसमें बताया है कि वह अपने पति के साथ बैंक गयी थी. रुपए निकासी के बाद रुपए गिनने लगी, तभी यह घटना घटी है. शिकारपुर थानाध्यक्ष ज्वाला कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार दोनों बदमाश सगे भाई हैं. दोनों आदतन अपराधी है. दोनों ने स्वीकार किया है कि रुपए छीनने का कार्य करते हैं. उत्तर प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर दोनों बुजुर्ग होने का फायदा उठाकर पॉकेटमारी और छीनतई करते हैं. ट्रेनों में भी यह चोरी करते रहते हैं. थानाध्यक्ष ने बताया कि दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. नरकटियागंज में पहली बार बुजुर्गों के वेश में लुटेरों ने दिया छिनतई की घटना को अंजाम नरकटियागंज में दो सगे भाईयों दाऊद मियां और समशुद्दीन मियां जिनकी उम्र करीब 55 और 60 वर्ष के बीच की है, बुजुर्ग के वेश में लुटेरा बन कर सामने होंगे और इस प्रकार की घटना को अंजाम देंगे इसे लेकर शहर सकते में हैं. हमेशा कम उम्र और युवकों को अपराध करने को लेकर बातें सामने आती रही है, लेकिन शहर में पहली बार दो बुजुर्गों को अपराध करते देखा गया और रंगे हाथ पकड़ा भी गया. इस प्रकार की पहली घटना सामने आई जिसमें उम्रदराज समशुद्यीन और दाउद को देख कर कोई भी ये नही बता सकता की दोनो, बुजुर्ग के वेश में लुटेरा बन कर रूपये लूटने कुशीनगर से चल कर नरकटियागंज तक पहुंचे हैं. सफेद बाल और दाढ़ी देखने में मासूमियत भरा चेहरा ऐसा लगे की दोना बुजुर्ग हैं और लाचार भी भला ये कैसे चोरी छिनतई या लूट कर सकते हैं. लेकिन ऐसा हुआ है और वो भी इस शहर में और बैंक में घुसकर. गीता देवी ने हल्ला नही किया होता तो इन बुजुर्गो को देख कर कोई भी यकीन नही करता की ये बहुत बड़े शातिर हैं.बुधवार को जेल जाते हुए दोनों के चेहरों पर कोई सिकन नहीं थी और ना ही इस बता का पछतावा की वे उम्रदराज हो चुके हैं.
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