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अब चेतना सत्र में बच्चों के नाखून, संवरे बाल, साफ ड्रेस और स्नान करके आना भी देखेंगे शिक्षक शिक्षिकाएं

सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार और अनुशासन बनाए रखने को लेकर शिक्षा विभाग ने नई पहल की है.

बेतिया. सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार और अनुशासन बनाए रखने को लेकर शिक्षा विभाग ने नई पहल की है. विभाग ने नया गाइडलाइन भी जारी किया है. जिसमें विद्यालय प्रधान से लेकर शिक्षकों तक की जिम्मेदारी तय की गई है. नई गाइडलाइन में विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया है कि विद्यालयों का संचालन समय सुबह 9:30 से शाम 4 बजे तक निर्धारित है.इसमें छात्र-छात्राओं के लिए दोपहर 03:30 बजे तक विद्यालय संचालित होता है.लेकिन क्षेत्र भ्रमण के क्रम में प्रायः ऐसा देखा जा रहा है कि कुछ विद्यालयों के बच्चे सुबह 09:30 बजे से 10:30 बजे तक विद्यालय जा रहे हैं.वहीं कई स्कूलों में बच्चे दोपहर 02:30 बजे से ही घर लौटने लगते हैं. इससे स्पष्ट होता है कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक व शिक्षकों का नियंत्रण उन बच्चों पर नहीं हैं.इसे देखते हुए अब विद्यालय प्रधान व शिक्षकों की जिम्मेदारी तय की गई है. ताकि शैक्षणिक व्यवस्था में अपेक्षित सुधार लाया जा सके. शिक्षकों की सामूहिक जिम्मेदारी होगी बच्चों की स्वच्छता व अनुशासन नई गाइडलाइन में विभाग ने स्पष्ट किया है कि बच्चों की स्वच्छता व अनुशासन शिक्षकों की सामुहिक जिम्मेदारी होगी. विद्यालय में पदस्थापित प्रधानाध्यापक व शिक्षक शिक्षिकाओं की सामूहिक जिम्मेवारी होगी कि वे चेतना सत्र अवधि में सभी बच्चों के नाखून,सुसज्जित बाल,साफ-सुथरे पोशाक, स्नान आदि करके आने आदि का अवलोकन कर आवश्यक निर्देश देंगे. वर्ग शिक्षक इससे संबंधित निर्देश बच्चों के डायरी में अवश्य अंकित करेंगे. चेतना सत्र की निर्धारित अवधि में सर्वधर्म प्रार्थना, बिहार राज्य प्रार्थना गीत,राष्ट्रगीत,आज का दिन,आज का विचार,तर्क ज्ञान, शब्द ज्ञान,सामान्य ज्ञान,प्रेरक प्रसंग आदि का गायन- वाचन कराया जायेगा. विद्यालय प्रधान चेतना सत्र के बाद होने वाली पहली, दूसरी व तीसरी घंटी में क्रमशः गणित, विज्ञान एवं हिन्दी/अंग्रेजी की रीडिंग की गतिविधियां रूटीन में प्राथमिकता के तौर पर शामिल करेंगे, ताकि बच्चे गणितीय कौशल, विज्ञान में नवाचार एवं वाक् कौशल में पारंगत हो सकेंगे. सभी विद्यालयों के लिए साउंड सिस्टम अनिवार्य विभाग ने सभी स्कूलों के लिए साउंड सिस्टम अनिवार्य किया है. जिन स्कूलों में साउंड सिस्टम नहीं है, वहां 48 घंटे में उसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश विद्यालय प्रधानों को दिया गया है. विद्यालय प्रधान विद्यालय प्रारंभ होने के 15 मिनट पहले विद्यालय पहुंचकर ध्वनि विस्तारक यंत्र से बच्चों को समय पर विद्यालय आने के लिए आरटीई एंथेम टन-टन-टन सुनो घंटी बजी स्कूल की, चलो स्कूल तुमको पुकारे 2 मिनट के अंतराल पर दो बार बजाएंगे. ताकि बच्चे निर्धारित समय पर विद्यालय पहुंचकर चेतना सत्र में उपस्थित हो सकें. चेतना सत्र प्रारंभ होने के पूर्व विद्यालय का मुख्य द्वार बंद कर दिया जायेगा. इस दौरान जो बच्चे विलंब से आयेंगे, उन्हें बताया जायेगा कि दूसरे दिन विलंब से आने पर विद्यालय में प्रवेश नहीं मिलेगा और अभिभावक को भी इसकी सूचना बच्चों के डायरी में अंकित कर प्रेषित किया जायेगा.

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