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स्वास्थ सुरक्षा के साथ पोषणयुक्त परिवेश गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा अंकुर परियोजना का उद्देश्य : गार्गी

समग्र शिक्षा अभियान की डीपीओ गार्गी कुमारी की अध्यक्षता में विद्यालय पोषण कार्यक्रम और अंकुर परियोजना के सुगम क्रियान्वयन पर आधारित एक जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजन शनिवार को किया गया.

बेतिया. समग्र शिक्षा अभियान की डीपीओ गार्गी कुमारी की अध्यक्षता में विद्यालय पोषण कार्यक्रम और अंकुर परियोजना के सुगम क्रियान्वयन पर आधारित एक जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजन शनिवार को किया गया.जिला शिक्षा कार्यालय के सभागार में आयोजित कार्यशाला को जिला कृषि अनुसंधान केंद्र के वरीय कृषि वैज्ञानिक सह प्रशासक अभिषेक प्रताप सिंह ने मुख्य वक्ता के रूप से इस कार्यक्रम उपयोगिता, उद्देश्य और आवश्यकता पर विस्तार से प्रकाश डाला. वहीं पीएम पोषण योजना के एनीमिया मुक्त बिहार के स्टेट नोडल अधिकारी प्रकाश सिंह इस कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि तथा यूनिसेफ के प्रतिनिधि राजकुमार शामिल रहे.कार्यक्रम के आरंभ में डीपीओ गार्गी कुमारी ने कहा कि देशभर में चल रहे पोषण अभियान में सहायक कार्यक्रम के रूप में शिक्षा विभाग के द्वारा कृषि विभाग और मनरेगा योजना के तहत अंकुर परियोजना शुरू की गई है,जो सभी सरकारी स्कूलों में चलाई जायेगी. डीपीओ श्रीमती गार्गी ने बताया कि “अंकुर परियोजना का उद्देश्य स्कूली विद्यार्थियों के स्वास्थ जनित समस्याओं के निदान के साथ पोषणयुक्त परिवेश गुणवत्ता पूर्ण पठन पाठन मुहैया कराना है.एनीमिया मुक्त बिहार के स्टेट नोडल अधिकारी प्रकाश सिंह कहा कि अंकुर परियोजना से स्कूली छात्र-छात्राओं की सेहत सुधारी जायेगी.इसको धरातल पर उतारने के लिए कार्यशाला में उनके द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई. स्कूल की खाली तथा परती पड़ी उपयुक्त जमीन पर बनेगा किचन गार्डन : डॉ.अभिषेक प्रताप कार्यशाला के मुख्य वक्ता जिला कृषि अनुसंधान केंद्र के वरीय कृषि वैज्ञानिक सह प्रशासक डॉ.अभिषेक प्रताप सिंह ने बताया कि कृषि विभाग के समन्वय से चलने वाली अंकुर परियोजना के तहत सभी सरकारी स्कूलों के सुलभ भूखंड पर किचन गार्डन का निर्माण किया जायेगा.इस किचन गार्डन में स्कूल के शिक्षक वहां एक छात्र-छात्राओं की मदद से साग-सब्जी की खेती करेंगे. इस खेती से पैदा होने वाली साग-सब्जी का इस्तेमाल स्कूलों में बनने वाले एमडीएम में किया जायेगा. इसमें टमाटर, हरी साग, भिडी, पपीता, बंद गोभी, सहजन,आदि उगाई जायेगी. इस किचन गार्डन में रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा. जरूरत पड़ी तो इसमें जैविक खाद डाली जायेगी. कृषि वैज्ञानिक डॉ. सिंह ने बताया कि यह किचन गार्डन स्कूल की खाली तथा परती पड़ी उपयुक्त जमीन पर बनाया जायेगा. डॉ.सिंह ने बताया कि इसमें साग-सब्जी और फल के लिए बीज व पौधे कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जाने की योजना है.

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