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आयकर विभाग को डिजिटल अकाउंट्स को एक्सेस करने की छूट,सोशल साइट्स और इ-मेल खंगालेगा विभाग

अब टैक्स चोरी रोकने के लिये आयकर विभाग कर दाताओं के सोशल अकाउंट्स और इ-मेल को खंगाल सकता है..

मोतिहारी. अब टैक्स चोरी रोकने के लिये आयकर विभाग कर दाताओं के सोशल अकाउंट्स और इ-मेल को खंगाल सकता है.. उसे हर तरह के डिजिटल अकाउंट्स को एक्सेस करने की छूट दी गयी है. आयकर के नये बिल में इस बात का जिक्र किया गया है, जो एक अप्रैल से प्रभावी हो गया है . मिली जानकारी के अनुसार इस बिल से आयकर अधिकारियों के अधिकारों को बढ़ाया गया है. अब आयकर विभाग शंका के आधार पर किसी का भी इमेल खंगाल सकता है. अक्सर करदाता विभाग को अपने खर्चों की जानकारी नहीं देते, लेकिन सोशल मीडिया पर अपना लाइफ स्टाइल साझा करते हैं, जिससे खर्चों की जानकारी मिलती है. सोशल मीडिया के आधार पर विभाग ऐसे लोगों के खर्चे का आकलन करेगा और उनके रिटर्न से मिलान करेगा. किसी तरह की शंका होने पर नोटिस जारी की जायेगी. न्यू इनकम टैक्स बिल में ऐसे मामलों की जांच करने की छूट दी गयी है. इसके अलावा बिटक्वायन में निवेश तलाशने के लिये विभाग डिजिटल एक्सेस भी करेगा. विभाग अब हर निवेश और संपत्ति तक अपनी पहुंच बनाएगा. इससे विभाग की सख्ती बढ़ेगी और टैक्स में गड़बड़ी पाये जाने पर विभाग कार्रवाई करेगा.क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से जुड़ी जानकारी जुटायेगा विभाग

आयकर विभाग अब क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से जुड़ी जानकारियां जुटायेगा. देश में क्रिप्टो ट्रेड लगातार बढ़ रहा है. फिलहाल क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन पर 30 फीसदी का टैक्स लगता है और इसमें एक फीसदी श्रोत पर कटौती भी होती है, इसलिये कई लोग क्रिप्टो की जानकारी को छुपाकर रखते हैं. आयकर के नये प्रावधानों में डिजिटल क्षेत्र में तलाशी और जब्ती के प्रावधानों का विस्तार किया गया है. इसमें अधिकारियों को वर्चुअल संपत्तियों की जांच का अधिकार मिलेगा. यह जांच टैक्स छुपाने के शक पर की जा सकती है. आयकर के नए प्रावधान के अनुसार 247 अधिकारियों को आपके कंप्यूटर सिस्टम या वर्चुअल डिजिटल स्पेस के एक्सेस को लेने की अनुमति मिली है. आयकर अधिनियम की धारा 132 में पुस्तकों, खातों या अन्य दस्तावेजों के रूप में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और दस्तावेजों के निरीक्षण करके और जब्त करने का अधिकार मिला है. इसके तहत डिजिटल एक्सेस भी लिए जा सकेंगे.

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