बेतिया . लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अंतर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत चयनित स्वच्छता कर्मियों के बहाली में अनियमितता बरतने के आरोप है. इस मामले में मधुबनी प्रखंड के मधुआ पंचायत की मुखिया कार्रवाई के जद में आ गयी हैं. मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार ने मधुआ पंचायत की मुखिया से स्पष्टीकरण की मांग की है. साथ ही इस पंचायत के पंचायत सेवक से भी जवाब तलब की गयी है. पत्र में यह भी चेतावनी दी गयी है कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो प्राथमिकी की कार्रवाई करते हुए बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है. मिली जानकारी के अनुसार मधुआ पंचायत की उपमुखिया सुनीता देवी समेत अन्य वार्ड सदस्यों ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर उक्त अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाया था. मामले की जांच जिलाधिकारी ने एक टीम गठित कर करवायी. जांच टीम के रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया कि मुखिया ने वार्ड सदस्यों के आमसभा पंजी में जिस नाम का चयन किया गया था, उस व्यक्ति का स्वच्छता कर्मी के रुप में चयन नहीं कर अपनी मनमर्जी से अपने चहेते व्यक्ति का चयन कर कर उनकी बहाली कर दी गयी. वहीं दूसरी ओर सामुदायिक भवन निर्माण में योजना का चयन एवं योजना के क्रियान्वयन के बाद उक्त जमीन को राज्यपाल के नाम निबंधित कराया गया. इसे नियमों की अनदेखी मानी गयी है. जांच टीम द्वारा दिये गये जांच प्रतिवेन के आलोक में डीएम ने संबंधित मुखिया एवं स्पष्टीकरण की मांग की है. इसके साथ ही पंचायत सेवक से भी स्पष्टीकरण की मांग की गयी है.
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