नौतन . करीब तीन दशक पहले सरकारी विद्यालयों में संसाधनों का घोर अभाव था. वर्तमान समय में सरकारी विद्यालयों में सभी सुविधाएं मौजूद रहते हुए छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान नहीं किया जा रहा है. शिक्षा में सुधार के लिए सबकी भागीदारी अति आवश्यक है. यह बातें रविवार को रीड बेतिया में आयोजित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और हमारी भूमिका विषय पर संवाद गोष्ठी को संबोधित करते हुए जेपी सेनानी सह वरीय समाजसेवी पंकज ने कहीं. तीन सत्रों में चले संवाद गोष्ठी का संचालन क्रमशः रामेश्वर प्रसाद, अमीत और रमेश कुमार ने किया. वरीय समाजसेवी पंकज ने कहा कि 1991 में सरकारी स्कूलों में भवन, शौचालय, चाहरदीवारी, आदि की सुविधा कम थी, लेकिन वर्तमान समय में सरकारी स्कूलों में सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई. स्कूलों में हो रहें वर्ग वार पढाई का अभिभावक मूल्यांकन करते हैं. जब तक शिक्षा समिति, समाज कर्मी, अभिभावक, मीडिया कर्मी और शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित नहीं होगी, तबतक शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कल्पना नहीं की जा सकतीं है. संवाद गोष्ठी का आयोजक बिहार शिक्षा बचाओ अभियान के बैनर तले आयोजित की गई. जिसमें रीड बेतिया, समग्र शिक्षण एवं विकास संस्थान बेतिया, सवेरा, नौतन, रामकृष्ण विवेकानंद एजुकेशनल सोसाइटी बेतिया का सहयोग सराहनीय रहा. शिक्षा बचाओ अभियान के साहिद कमाल ने कहा कि सबको शिक्षा प्रदान करने के लिए समान शिक्षा प्रणाली को लागू करने पर बल दिया. शिक्षा प्रदान करने में किसी प्रकार का भेदभाव न करते हुए सबके उत्थान के मिलजुलकर काम करने की जरूरत है.इस मुद्दे पर निरंतर कार्य करने की बात पर सहमति बनाई गई. मौके पर फादर रंजन, डॉ जगमोहन, डॉ रमेश कुमार, जगदेव प्रसाद, दिनेश सिंह , खूबलाल, नवीन प्रियदर्शी, प्रो मृत्युंजय, सिकंदर, अमन, शेषनाथ, सिद्दार्थ कुमार, अनिल लूकश, सगीर आलम आदि ने अपने विचार रखें.
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