KK Pathak: बिहार के ऐतिहासिक बेतिया राजघराने की हजारों एकड़ जमीन या तो खाली पड़ी है या फिर उस पर अतिक्रमण है. इस जमीन का अब व्यावसायिक उपयोग होगा. मंगलवार को बेतिया पहुंचे राजस्व पर्षद के अध्यक्ष केके पाठक ने बेतिया राज की जमीनों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि जहां भी अतिक्रमण है, उसे खाली कराएं.
NIUA और पर्यटन विभाग की टीम ले रही जायजा
निरीक्षण के बाद केके पाठक ने बताया कि बेतिया राज की बिहार और उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में करीब 22 हजार एकड़ जमीन है. इसमें 100 और 50 एकड़ के बड़े भूखंड भी शामिल हैं. भारत सरकार के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (NIUA) और पर्यटन विभाग की टीम बेतिया राज की जमीन का जायजा ले रही है, ताकि पता लगाया जा सके कि इस जमीन का सही उपयोग कर बेतिया और बिहार का विकास कैसे किया जा सकता है.
कौन सी परियोजनाओं पर विचार किया जा रहा है?
- चिकित्सा एवं शिक्षण संस्थान
- बड़ी व्यावसायिक परियोजनाएं
- पर्यटन स्थलों का विकास
- भारत सरकार एवं बिहार सरकार की लंबित योजनाएं
पटना और दिल्ली में होगी उच्च स्तरीय बैठक
केके पाठक ने बताया कि पटना एवं दिल्ली में सचिव स्तर की बैठक होगी. इन बैठकों में यह तय किया जाएगा कि बेतिया राज की भूमि पर बेतिया, मोतिहारी, गोपालगंज एवं अन्य जिलों में भूमि के अभाव में रुकी परियोजनाओं का विकास कैसे किया जाए. इसके अलावा दिल्ली में एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश-विदेश के उद्यमियों को बेतिया में निवेश के लिए आमंत्रित किया जाएगा. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे तथा बेतिया का तेजी से विकास होगा.
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बेतिया राज की ऐतिहासिक इमारतों का होगा सौंदर्यीकरण
निरीक्षण के दौरान केके पाठक ने रानी निवास, राज कचहरी, शीश महल, फांसी घर, जवाहरातखाना, राज परिसर मंदिर एवं रानी आरामगाह जैसी ऐतिहासिक इमारतों का जायजा लिया. उन्होंने एनआईयूए टीम को इन भवनों को उनके मूल स्वरूप में सुंदर बनाने के निर्देश दिए, ताकि इन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके.
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