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स्पताल से निकलते ही बाहर सड़क पर दिया बच्चे को जन्म

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मधुबनी में शनिवार को सुबह नौ बजे एक अजीबोगरीब माजरा लोगों में चर्चा बन गया.

बगहा/मधुबनी (पचं). प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मधुबनी में शनिवार को सुबह नौ बजे एक अजीबोगरीब माजरा लोगों में चर्चा बन गया. भापसा निवासी रिंकू देवी का प्रसव होना था. शुक्रवार की शाम को मधुबनी पीएचसी में जांच के लिए आयी. सारी रात अस्पताल में ही रही दर्द से कराहती रही. उसकी देखभाल जीएनएम सिंधु कुमारी कर रही थी. सुबह होते ही यह कहते हुए बताया गया कि प्रसव अभी नहीं होगा. कुछ समय बाद होगा. इसके बाद आशा ने मरीज को लेकर निजी क्लिनिक खिरकिया जाने के लिए बताया. इसके बाद प्रसूता परिवार के साथ पैदल हॉस्पिटल से बाहर निकली. 50 मीटर की दूरी पर गयी थी कि उसने सड़क किनारे बच्चे को जन्म दिया. वहीं दर्द से कराह रही महिला को स्थानीय महिलाओं चादर से पर्दा कर प्रसव कराया. जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. रिंकी देवी को स्थानीय आशा ने झांसे में लेकर उत्तर प्रदेश के खिरकिया के निजी क्लिनिक में जाने के लिए ऑटो भी उपलब्ध कराया था. जबकि पीड़ित पैसों की अभाव में गुहार लगाती रही. हॉस्पिटल की कार्यशैली पर लग रहा प्रश्नचिन्ह स्थानीय आनंद कुमार गुप्ता, भोला गुप्ता, रामेश्वर गुप्ता, विनोद साह, श्याम कुशवाह, जीवित कुशवाहा आदि ने निंदा करते हुए कहा कि हॉस्पिटल की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है कि सुदूर इलाके में स्थित एकमात्र हॉस्पिटल में डॉक्टर की मनमानी से प्रसव कराने आए मरीज परेशान दिखते हैं. वहीं आशा एवं एएनएम की मिलीभगत से निजी क्लीनिक में प्रसव होने पर 20 से 25 हजार रुपये तक ऐंठ लिए जाते हैं. मरीज परिजन स्वत: अस्पताल से निकलकर जाने लगे निजी क्लिनिक वहीं मौके पर चिकित्सक डॉ. नासिर हुसैन ने बताया कि जीएनएम का ड्यूटी खत्म होते ही दूसरी जीएनएम का ड्यूटी लगा हुआ था. रात की ड्यूटी में सिंधु कुमारी तो सुबह की ड्यूटी में पूनम कुमारी द्वारा देखरेख किया जा रहा था. इसके बाद मरीज परिजन स्वत: अस्पताल से निकलकर निजी क्लीनिक में जाने लगे. बार-बार मना करने के बावजूद अस्पताल से मरीज को लेकर परिजन निकल गए. कारण यह हुआ कि अस्पताल से 50 मीटर की दूरी पर ही महिला का प्रसव हुआ. जिसमें जच्चा व बच्चा दोनों को अस्पताल लाया गया. जिसके बाद उपचार कर घर भेज दिया गया. बोले पीएचसी प्रभारी वहीं पीएचसी प्रभारी डॉ. आनंद कुमार ने बताया कि बिना रेफर किये मरीज को परिजन लेकर अस्पताल से निकल चुके थे. जो रास्ते में ही प्रसव हुआ. परंतु तत्काल मौके पर जाकर ट्रीटमेंट कर अस्पताल में लाया गया. जहां पर जच्चा और बच्चा का पुन: स्वास्थ्य जांच किया गया. वहीं छह घंटे के लिए मरीज को अस्पताल में ही रखा गया.

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