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स्वरोजगार योजनाओं में फर्जी जीएसटी, उद्योग विभाग का कड़ा रुख

जिले में उद्योग विभाग के तहत चल रही स्वरोजगार योजनाओं में फर्जी जीएसटी के मामले सामने आए हैं.

बेतिया. जिले में उद्योग विभाग के तहत चल रही स्वरोजगार योजनाओं में फर्जी जीएसटी के मामले सामने आए हैं. इसमें लाभार्थियों द्वारा दिए गए विपत्रों में फर्जी जीएसटी नंबरों का इस्तेमाल किया गया है, जिसके बाद लाखों-करोड़ों की राशि के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. जांच में यह सामने आया कि मशीनों के आपूर्तिकर्ताओं द्वारा जीएसटी नंबर में हेराफेरी की गई थी. उद्योग विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है. जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक रोहित राज ने बताया कि राज्य कर संयुक्त कार्यालय को आपूर्तिकर्ताओं के जीएसटी नंबरों की सत्यता जांचने के लिए पत्र भेजे गए थे। इस पर प्राप्त रिपोर्ट में कुछ आपूर्तिकर्ताओं के जीएसटी नंबर मान्य नहीं पाए गए हैं. इनमें प्रमुख रूप से मुस्कान मशीन इंटरप्राइजेज, मुस्कान इंटरप्राइजेज और हार्दिक मोबाइल सेंटर के जीएसटी नंबर शामिल हैं, जो अवैध पाए गए हैं. इन आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. हाल ही में उद्योग विभाग को सात आपूर्तिकर्ताओं के जीएसटी नंबर के बारे में रिपोर्ट प्राप्त हुई है. इनमें से एक आपूर्तिकर्ता, शिवम इंटरप्राइजेज का जीएसटी नंबर ही विभाग द्वारा जारी नहीं किया गया है. वहीं, दो आपूर्तिकर्ताओं के जीएसटी नंबर केंद्रीय जीएसटी क्षेत्राधिकार में आते हैं, जबकि तीन आपूर्तिकर्ता उत्तर प्रदेश में निबंधित हैं. इसके अतिरिक्त, नरकटियागंज के चार आपूर्तिकर्ताओं में से तीन को फर्जी पाया गया है. इनमें से एक आपूर्तिकर्ता का व्यवसाय ही नहीं चल रहा, इसलिए उसे निलंबित करने का फैसला लिया गया है. वाणिज्य कर संयुक्त आयुक्त की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में बगहा के एक आपूर्तिकर्ता, कबिरा सिलाई मशीन फर्म का नाम भी सामने आया है. रिपोर्ट के अनुसार, इस फर्म ने अपने आपूर्ति विपत्र में कर प्रतिवेदन किया, जबकि वह जीएसटी वसूलने के पात्र नहीं था. इस पर राज्य कर उपायुक्त द्वारा कार्रवाई की जाएगी. फर्जी जीएसटी मामलों के उजागर होने के बाद उद्योग विभाग ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाया है। विभाग अब इन आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है ताकि इस तरह के धोखाधड़ी के मामलों पर रोक लग सके और लाभार्थियों के हितों की रक्षा की जा सके.

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