बेतिया. संस्कृत के शिक्षकों में तकनीकी ज्ञान की कमी देखी जाती है, ऐसे में उन्हें तकनीकी ज्ञान से दक्ष बनाया जाएगा. इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा. संस्कृत के मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा. वहीं संस्कृत भाषा में करियर बनाने के लिए छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग की जाएगी. इसके साथ-साथ भाषा का व्यापक प्रचार प्रसार करने की भी योजना बनाई गई है. उक्त बातें बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय झा ने सोमवार को नगर के अतिथि गृह में कहीं. इस दौरान संस्कृत के शिक्षकों ने संस्कृत के पाठ्यक्रम और पुस्तक से जोड़ी अनेक समस्याओं को बताया. जिसमें प्रशांत झा, गजेंद्र कुमार ठाकुर आदि का कहना था कि पहले तीसरी कक्षा से संस्कृत की पढ़ाई होती थी लेकिन उसे छठी कक्षा से कर दिया गया इसे फिर से तीसरी कक्षा से शुरू किया जाए इसके बाद अध्यक्ष ने कहा की पहली कक्षा से संस्कृत की पढ़ाई शुरू हो इसकी तैयारी की जा रही है. अध्यक्ष ने बताया कि संस्कृत शिक्षा बोर्ड को डिजिटल किया जाएगा. संस्कृत की पढ़ाई करने वाले बच्चों को सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए बोर्ड का परिक्रमा नहीं करना पड़ेगा. —————— चनपटिया में हुआ भव्य स्वागत चनपटिया. पूर्वी तुरहापट्टी पंचायत के मुखिया सह भाजपा जिला महामंत्री दिनेश्वर तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी के आवासीय परिसर में सोमवार को बिहार राज्य संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष का भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान आयोजित बैठक में क्षेत्र के संस्कृत विद्यालयों की स्थिति पर चर्चा की गई. ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों ने संस्कृत शिक्षा को मजबूती देने, विद्यालयों को सुदृढ़ करने तथा योग्य शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करने की मांग रखी. अध्यक्ष ने सभी सुझावों को गंभीरता से लेने और संबंधित स्तर पर पहल करने का आश्वासन दिया. कार्यक्रम में भाजपा नेता मनोज कुमार सिंह, मनुबाबू कुशवाहा, विजय ठाकुर, कुंदन शांडिल्य, राजीव मिश्रा, अमरेंद्र ओझा, अतुल कुमार तिवारी, नीरज मिश्रा, दीपू तिवारी समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
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