बेतिया. मलेरिया के प्रति लोगों क़ो जागरूक करते हुए हर वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है. यह कहना है जिले के सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार का. उन्होंने बताया कि मलेरिया का समय पर ईलाज नहीं करवाने से यह भी एक जानलेवा बीमारी बन सकता है. भारत में हर साल हजारों लोग मलेरिया से संक्रमित होते हैं। यह मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है. डीभीबीडीसीओ डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया कि मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को मच्छर के काटने के 6 से 8 दिन के बाद लक्षण दिखाई देते हैं. इसमें तेज बुखार, थकान, सिर दर्द, पेट में दर्द, चक्कर आना, बेहोशी आना, एनीमिया, मांसपेशियों के दर्द, उल्टियां होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. उन्होंने बताया कि जिले के सभी पीएचसी में मलेरिया की जांच व इलाज की सुविधाएं उपलब्ध है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है. भीडीसीओ प्रशांत कुमार, गणेश कुमार, शुशांत कुमार ने बताया की बेतिया के जीएमसीएच, डीएमओ ऑफिस, बिपिन मिडिल स्कुल, लौरिया पीएचसी सहित जिले के कई पीएचसी में विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा आमजनों तक मलेरिया के लक्षण व कारणों की जानकारी दी गई. उन्होंने बताया की वर्ष 2024 में 02 केस एवं 2025 में जिले में मलेरिया के 1 केस आए हैं. वहीं भीबीडीएस सुजीत कुमार व प्रकाश कुमार ने बताया कि स्वच्छता व सावधानियों को बरत कर हम सभी लोग मलेरिया से बच सकते हैं. घरों, खुले स्थानों इत्यादि के आसपास गंदगी होने के कारण वहां मच्छर पनपते हैं. इसके बाद वह इंसानों को काटकर उन्हें मलेरिया से संक्रमित कर देते हैं. इसलिए मलेरिया से बचाव के लिए आवश्यक है कि अपने घर के पास साफ सफाई रखें व मच्छर पनपने वाले स्रोतों को नष्ट करें. मच्छरदानी और मच्छररोधी क्रीम का इस्तेमाल करें व पूरी बांह के कपड़े पहनें.
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