बेतिया . मझौलिया प्रखंड के अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी उमेश कुमार पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक गई है. अनधिकृत रूप से लगातार कार्यालय से अनुपस्थित रहने तथा आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद बिना कार्यालय से विरमित हुए नवनियुक्त स्थल पर योगदान करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक निदेशक ने जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार को प्रतिवेदन भेजा है. सूत्रों के अनुसार, सहायक निदेशक ने बताया कि उमेश कुमार से लगातार अनुपस्थिति के संबंध में पूर्व में स्पष्टीकरण मांगा गया था. जवाब में उन्होंने 16 अक्टूबर को ई-मेल द्वारा आवेदन भेजते हुए यह कहा कि उन्होंने 11 अक्टूबर की पूर्वाह्न में नव-प्रतिनियुक्ति स्थल पर योगदान दे दिया है. जबकि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 6 अक्टूबर की अपराह्न 4 बजे से आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई थी, जो संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक प्रभावी रहेगी. इस अवधि में किसी भी कर्मी या पदाधिकारी का विरमण अथवा नया योगदान स्वीकार्य नहीं है. सहायक निदेशक ने बताया कि इस तथ्य से उमेश कुमार को मौखिक रूप से भी अवगत कराया गया था, बावजूद इसके उन्होंने आदेशों की अवहेलना करते हुए नवनियुक्त स्थल पर कार्यभार ग्रहण कर लिया। इसे आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन एवं नियंत्री पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना माना गया है. उक्त कारणों से विभाग ने उमेश कुमार का स्पष्टीकरण अस्वीकार करते हुए इसे मनमानी, स्वेच्छाचारिता और उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना का मामला बताया है. इस संबंध में आगे की कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को प्रतिवेदन भेजा गया है.
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