राज्य सरकार के निर्देश पर नवगठित बेतिया नगर निगम के 46 वार्डों में आरक्षण रोस्टर के सामने आते ही उम्मीदवार बनने की आस में कई माह से क्षेत्र में कसरत कई उम्मीदवारों के उम्मीद पर पानी फिर गया है. कई दावेदार तो मुंह के बल गिरे हैं है जबकि कई क्षेत्र बदलने की तैयारी में जुट गये हैं. इतना ही नहीं कई मेयर, डिप्टी मेयर और वार्ड पार्षद का सपना संजोने वाले प्रत्याशी अब अपनी पत्नी को उम्मीदवार बनाने की घोषणा करने लगे हैं. आश्चर्य नहीं कि लगातार कई बार वार्ड पार्षद रह चुके उम्मीदवारों की इस बार दावेदारी भी चकनाचूर हो गयी है.
विदित हो कि जारी आरक्षण रोस्टर के अनुसार शहर के 46 में 22 वार्डों को महिलाओं के लिए सुरक्षित कर दिया गया है. जबकि 33 वार्डों को सामान्य यानि अनारक्षित श्रेणी में रखा गया है. इसी तरह शहर के चार वार्डों को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है. इनमें 18, 20, 34 व वार्ड नंबर 38 शामिल हैं. वहीं नौ वार्डों को पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित किया गया है. अनुसूचित जनजाति की संख्या नगर निगम क्षेत्र में निर्धारित शर्त से कम होने के कारण उनके लिए कोई सीट आरक्षित नहीं किया गया है. इधर आरक्षण रोस्टर निर्धारित किये जाने के बाद कई वार्डों में ताल ठोक रहे कई दावेदारों के चेहरे लटक गये हैं. क्योंकि वें बीते कई माह से क्षेत्र में चुनावी कसरत कर रहे थे. ऐसे में अब दूसरे वार्डों में अपना भाग्य आजमाने के अलावे उनके समक्ष अन्य विकल्प नहीं है.
चुनावी पंडितों की मानें तो अनारक्षित अन्य के लिए आरक्षित वार्ड नंबर 1, 2, 3, 7, 8, 17, 22, 24, 27, 29, 30, 36, 37, 40, 41, 42, 46 में इस बार के चुनाव में दावेदारों की संख्या अधिक होगी. साथ ही यहां का चुनाव अत्यंत ही दिलचस्प होगा. आरक्षण रोस्टर जारी होने के बाद यहां उम्मीदवारों बनने की होड़ मच गयी है. ऐसे में पूर्व के पार्षदों समेत अपनी सीट पक्का होने का दावा करने वालों के पैर के नीचे से जमीन खिसकने लगी है. यहीं हाल कमोवेश अनारक्षित महिला के लिए सुरक्षित वार्ड नंबर 4, 6, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 25, 31, 32, 33, 35, 43 में है.
यहां अपने चुनाव लड़ने से वंचित होने वाले प्रत्याशी अब अपनी पत्नियों को सामने लाने लगे हैं और अब वार्डों में भ्रमण करना भी शुरू कर दी है. इधर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वार्ड वार्ड नंबर 18 व 34 अनुसूचित जाति महिला, 20 व 38 में अनुसूचित जाति अन्य में दावेदारों की संख्या अन्य वार्डों की तुलना में कम होने की संभावना जतायी जा रही है. पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित वार्ड नंबर 5, 28, 39, 44 और 45 के अलावा वार्ड 19, 21, 23 26 में पिछड़ा वर्ग अन्य होने को लेकर में भी सामान्य दावेदार परेशान हैं.