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किसानों को नयी तकनीक से खेती करने के दिये गये टिप्स

विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र के सौजन्य से गुरुवार को जिले के तीन प्रखंडों में चेरियाबरियारपुर बछवाड़ा एवं मटिहानी के कुल नौ पंचायत में आज कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं जागरूकता अभियान शुभारंभ किया गया.

खोदावंदपुर/बेगूसराय. विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र के सौजन्य से गुरुवार को जिले के तीन प्रखंडों में चेरियाबरियारपुर बछवाड़ा एवं मटिहानी के कुल नौ पंचायत में आज कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं जागरूकता अभियान शुभारंभ किया गया. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना के तहत कृषि का विकसित किया जाना बताया गया है. इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ राम पाल ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान किसानों को प्राकृतिक खेती, सॉयल हेल्थ कार्ड, कृषि यात्रिकीकरण, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, समेकित बागवानी मिशन, कृषि विभाग एवं केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गयी. कार्यक्रम का आयोजन आत्मा बेगूसराय एवं कृषि विज्ञान केंद्र, बेगूसराय के संयुक्त तत्वाधान में किया गया. कार्यक्रम में कृषि विभाग के पदाधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र, बेगूसराय, मक्का अनुसंधान संस्थान, बेगूसराय एवं पूसा के वैज्ञानिकों ने भाग लिया. उन्होंने बताया कि बेगूसराय जिले के विभिन्न प्रखंडों में यह कार्यक्रम अगले 15 दिनों तक आयोजित किया जायेगा. प्रधान कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि चेरिया बरियारपुर प्रखंड के गोपालपुर, खांजहांपुर, मंझौल- 03, बछवाड़ा प्रखंड के रानी-01, रानी- 02, रानी- 03 तथा मटिहानी प्रखंड के रामदीरी- 02, सिहमा और मनियप्पा पंचायत में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान तीन वैज्ञानिक टीमों का गठन किया गया, जिनमें कृषि विज्ञान केंद्र, डायरेक्टरेट ऑफ मक्का अनुसंधान तथा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वैज्ञानिक शामिल थे. प्रत्येक टीम ने तीन-तीन पंचायतों का भ्रमण किया. उन्होंने बताया कि हर पंचायत में 100 से अधिक किसानों की उपस्थिति रही. कार्यक्रम के दौरान किसानों को कृषि की नवीनतम एवं लाभकारी तकनीकों की जानकारी दी गयी, जिनमें उन्नत बीजों का चयन, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार पोषक तत्व प्रबंधन, जल संरक्षण तकनीकें, मक्के की उन्नत किस्में एवं उत्पादन तकनीक और जलवायु अनुकूल खेती शामिल थी. मौके पर कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और समाधानपरक तकनीकी सुझाव भी प्रदान किये. इस अभियान का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि ज्ञान से सशक्त बनाना एवं उनकी आय में वृद्धि के रास्ते खोलना था.

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