मंझौल. अनुमंडल मुख्यालय मंझौल के समीप मंगलवार को भी 72 घंटे का निर्धारित करो या मरो धरना कार्यक्रम दूसरे दिन भी जारी रहा. धरना की अध्यक्षता करते हुए पूर्व पंसस बैजनाथ राम ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि जब बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी थे. उनके कार्यकाल में ऑपरेशन भुमि दख़ल चलाया गया था. ज्ञापांक संख्या 1259/ 18-11-2024 अंचलाधिकारी, चेरिया बरियारपुर के द्वारा निर्गत किया गया था. लेकिन उस ऑपरेशन को स्थानीय जन प्रतिनिधि मुखिया, अंचलाधिकारी व अंचल निरीक्षक के द्वारा रफा-दफा कर दबा लिया गया. बिहार भ्रष्टाचार मुक्त एवं न्याय युक्त भारत संधर्ष समिति मंझौल बेगुसराय के द्वारा शोषितों, पीड़ितों एवं वंचितों के पर्चा धारियों व भूमिहीनों के बासगीत का पर्चा के संधर्ष को कामरेड रौशन, जिला नेता एआईवायएफ एवं कामरेड धर्मेन्द्र कुमार, सचिव, शहीद भगतसिंह मेमोरियल कमिटी समसा ने सम्बोधित किया. एवं अपना भरपूर समर्थन देने की घोषणा की. रौशन ने धर्णार्थियों के आवाज को विधान सभा के घेराव तक निर्णायक संधर्ष का आह्वान किया. रौशन ने जनवादी गीतों से लोगों में उत्साह का संचार कर दिया. वहीं धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि आजाद भारत के लिए यह संघर्ष कलंक है. और दबंगों, भ्रष्टाचारियों, अपराधियों के गठजोड़ के आतंक पर लोक प्रशासन संवेदनहीन हो चुका है. वहीं संतोष कुमार ईश्वर ने आरोप लगाया कि मुझ पर खुद मार्च 2024 से जानलेवा आक्रमण किया जा रहा है. धरणार्थियो दलित, महादलितों एवं अति पिछड़ों, भूमिहीनों को धरना में नहीं जाने के लिए सरकारी लाभ का प्रलोभन, दबंगों, सामंतियो, तस्करों, अपराधियों व आरोपियों द्वारा दहशत के साथ धमकी देकर धरना में जाने से रोका जा रहा है. आवास योजना और मनरेगा लूट के शागिर्द शरणार्थियों पर कभी भी जान-माल पर आक्रमण कर सकते हैं. प्रशासन के तरफ से किसी तरह का संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. रात को सांप मच्छर कीड़े एवं गर्मी, बरसात में रात को महिला जवान और बूढ़े धरती पर सोते हैं. लेकिन प्रशासन के तरफ से किसी तरह का जनसुविधाएं उपलब्ध नहीं कर पुलिस दल का इस्तेमाल कर धरना वापस करने का दबाव लगातार बनाया जा रहा है. श्री ईश्वर ने कहा कि वर्तमान प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी चेरिया बरियारपुर एवं अनुमंडलाधिकारी मंझौल के सांठगांठ से मंझौल पंचायत के विभिन्न योजनाओं में लूट और अराजकता का माहौल है. जिलाधिकारी महोदय बेगूसराय जांच के नाम पर कागज़ी घोड़ा दौड़ा कर महाजंगलराज में गरीबों को जीने के लिए मजबूर कर दिया है. जब तक ज्वलंत समस्याओं पर उचित व कानूनी कार्रवाई नहीं होगा तब तक हमलोग संधर्ष पर डटे रहेंगे. आगे की संधर्ष पर हम लोग धरना स्थल पर ही विचार करेंगे.
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