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स्टेट बैंक के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर होंगे गिरफ्तार
बेगूसराय/नीमाचांदपुरा : फर्जी एलपीसी पर करोड़ो रुपये का ऋण स्वीकृति मामले में कई लोगों की संलिप्तता उजागर हो रही है. मामला सदर प्रखंड की बनद्वार स्थित एसबीआइ शाखा से जुड़ा है. शाखा के वर्तमान प्रबंधक अविनाश कुमार ने कुछ माह पूर्व नीमाचांदपुरा थाना में कांड संख्या 04/16 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराते हुए 21 ऋणधारकों […]
बेगूसराय/नीमाचांदपुरा : फर्जी एलपीसी पर करोड़ो रुपये का ऋण स्वीकृति मामले में कई लोगों की संलिप्तता उजागर हो रही है. मामला सदर प्रखंड की बनद्वार स्थित एसबीआइ शाखा से जुड़ा है. शाखा के वर्तमान प्रबंधक अविनाश कुमार ने कुछ माह पूर्व नीमाचांदपुरा थाना में कांड संख्या 04/16 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराते हुए 21 ऋणधारकों पर फर्जी एलपीसी पर केसीसी ऋण लेने का आरोप लगाया था. वर्ष 2014 से 2015 के बीच में करोड़ों रुपये का ऋण फर्जी एलपीसी पर स्वीकृति दी गयी थी.
सदर एसडीपीओ ने अनुसंधान के क्रम में कई राज का खुलासा किया है. सुपरविजन में यह तथ्य सामने आया कि करोड़ो रुपये ऋण स्वीकृति संबंधित दस्तावेजों के अवलोकन व गवाही साक्ष्य से साफ प्रतीत होता है कि शाखा के तत्कालीन प्रबंधक की बगैर मिलीभगत से इतनी बड़ी रकम का ऋण स्वीकृति संभव नहीं है.
एसडीपीओ ने अपने जांच प्रतिवेदन में फर्जी एलपीसी पर ऋण हासिल करनेवाले कुल प्राथमिकी अभियुक्त 21 ऋणधारकों के साथ-साथ तत्कालीन बैंक मैनेजर दशरथ प्रसाद सिंह और राजस्व कर्मचारी महेश्वर पासवान को अप्राथमिकी अभियुक्त बनाते हुए उनकी भी गिरफ्तारी का निर्देश आइओ को दिया है.
पुलिस सूत्रों की माने तो मामले में अंचल एक और कर्मचारी भी संदेह के घेरे में है. इस बैंक में फर्जी एलपीसी पर धड़ल्ले से ऋण स्वीकृति प्रदान की जा रही थी. अंचल से सीओ के फर्जी हस्ताक्षर से ही एलपीसी निर्गत होता था. पुलिस ने तत्कालीन बैक मैनेजर व राजस्व कर्मचारी की गिरफ्तारी हेतु कोर्ट से वारंट के लिए अर्जी दी गयी है.
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