तेघड़ा (बेगूसराय) : बिहारवासियों खास कर बेगूसराय जिलावासियों के लिए मायूसी भरी खबर है. बरौनी खाद कारखाना जो दशकों पूर्व बंद हो चुका है, के पुन: चालू करने की योजना हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड के पास नहीं है. इसके लिए रसायन व उर्वरक मंत्रालय ही पूर्णरूपेण जिम्मेवार है.
यह सूचना हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड के लोक सूचना पदाधिकारी एससी पवार ने आरटीआइ के वरिष्ठ कार्यकर्ता शोकहारा-2 निवासी गिरीश प्रसाद गुप्ता को दी है. कैबिनेट के निर्णयानुसार सरकार ने इसके जीर्णोद्घार से अपने हाथ खड़े कर दिये हैं. केंद्र सरकार सरकारी उपक्रमों से अपनी भूमिका अलग कर रही है, लेकिन निजी हाथों में देकर भी इसे पुन: चलाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है.
राज्य के सांसद भी खामोशी की चादर ओढ़े हुए हैं. बरौनी खाद कारखाने की स्थापना 10 मार्च, 1968 को हुई थी. मई, 1970 में निर्माण कार्य का शिलान्यास तत्कालीन राज्यपाल नित्यानंद कानूनगो ने किया. शुरू में प्राक्कलित राशि 48 करोड़ थी, जो निर्माण पूरा होते-होते 92 करोड़ हो गयी. शुरू में उत्पादन क्षमता एक हजार मीटरिक टन प्रतिदिन निर्धारित हुई. 1996 में उत्पादन क्षमता घट कर 556 मीटरिक टन हो गयी. 1992 में इसे बीमार घोषित कर दिया गया. तब से यह कारखाना बंद है.