आदिवासियों ने हर्षोल्लास से मनायी करम पूजा बौंसी. प्रखंड क्षेत्र की चिलकारा पंचायत में आदिवासी समाज ने परंपरागत उल्लास और श्रद्धा के साथ करम पूजा का पर्व मनाया. खेतों में समृद्धि और जीवन में सुख-शांति की कामना करते हुए युवाओं और महिलाओं ने करम देवता की आराधना की. गांव के बीच में करम वृक्ष की डाल स्थापित की गयी और महिलाओं ने उपवास रखकर पारंपरिक गीतों व नृत्यों के साथ पूजा की. ढोल, मांदर और नगाड़ों की थाप पर पूरी रात उत्सव का माहौल रहा. प्रखंड प्रमुख नीतू हेंब्रम मुख्य रूप से इस कार्यक्रम में शरीक हुई. बताया गया कि नई फसल के साथ इस पर्व को मनाने की परंपरा रही है. करम पूजा में बांस के बने नए सूपों का प्रयोग किया गया. प्रखंड प्रमुख ने बताया कि करम पूजा प्रकृति और मेहनतकश जीवन का प्रतीक है, जो हमें पेड़ों व पर्यावरण के प्रति सम्मान सिखाती है, जो आदिवासी समाज में श्रद्धा और उत्साह से मनाई जाती है. युवतियों ने उपवास रखकर करम देवता की आराधना की व फसल की समृद्धि और परिवार की सुख-शांति की कामना की. पूजा के दौरान ढोल, मांदर और नगाड़ों की थाप पर पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किये गये, इससे पूरा माहौल आनंदमय हो उठा. मालूम हो कि यह पर्व नई पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण और सामूहिकता का संदेश देता है. पूजा के समापन पर प्रसाद वितरण किया गया और सभी ने एक-दूसरे को करम पूजा की शुभकामनाएं दीं.
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