रेफर करने के बाद अस्पताल से निजी क्लिनिक ले गयी थी आशा
शंभुगंज. शंभुगंज प्रखंड क्षेत्र के कुन्था गांव के प्रसव मरीज रोमा देवी की मौत मामले में अस्पताल प्रशासन ने प्रारंभिक जांच में बरौथा गांव की आशा को दोषी पाया. जिसके बाद उसपर कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया है. विदित हो कि उक्त गांव के प्रसव मरीज सुरक्षित प्रसव कराने के लिए अपने मायके बरौथा गांव से 10 सितंबर को ही प्रसव वेदना के बीच सीएचसी शंभुगंज में भर्ती हुई थी. जहां तकरीबन तीन घंटे तक अस्पताल में उसकी जांच पड़ताल कर प्रसव कराने का पूरा प्रयास किया गया, लेकिन जब चिकित्सक को प्रसव कराने में परेशानी होने लगी, तो प्रसव मरीज रोमा कुमारी पति रवीश कुमार को प्रसव वेदना के बीच ही चिकित्सकों ने बांका रेफर कर दिया. रेफर करने के बाद प्रसव मरीज को बांका ले जाने के बजाय वहां की आशा सविता कुमारी के द्वारा बहला फुसलाकर निजी लोभ की वजह से शंभुगंज बाजार स्थित मंजू सेवा सदन लेकर चली गयी. जहां तकरीबन आधे घंटे तक जांच पड़ताल किये जाने के बाद चिकित्सकों को पता चला कि उसके गर्भ में जुड़वा बच्चा है, जिनमें से एक बच्चा उल्टा है. इस दौरान मंजू सेवा सदन के चिकित्सक के द्वारा उसे भागलपुर रेफर कर दिया गया. भागलपुर जाने के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अजय शर्मा और स्वास्थ्य प्रबंधक अमित कुमार पंकज का कहना है कि मामले में जांच पड़ताल का सिलसिला जारी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

