बांका : प्रखंड क्षेत्र के करमा पंचायत अंतर्गत मंझियारा गांव में पिछले एक सप्ताह के अंदर अज्ञात बीमारी से हुई चार की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम गांव पहुंची. मालूम हो कि अचानक पेट में दर्द होने से तीन बच्चे सहित एक अधेड़ व्यक्ति की मौत हो गयी. इस बात को लेकर जब प्रभात खबर संवाददाता ने सीएस सुधीर महतो से बात की, तो वे रविवार की देर शाम में ही चिकित्सकों को अपने साथ लेकर मंझियारा गांव पहुंचे.
लेकिन लगातार हो रही मौत के डर से ग्रामीण पूरी तरह भयभीत थे. उन्होंने समय से पहले ही अपने दरवाजा को बंद कर लिया था. सीएस रात में आशा कार्यकर्ता के घर पहुंचे और घटना के बारे में जानकारी लेने के बाद मृतक के घर पहुंचे. मृतक के परिजनों से पूछताछ के बाद दूसरे दिन जांच टीम को गांव भेजने का आश्वासन दिया.
सोमवार को जांच लिए टीम दवाई लेकर मंझियारा गांव स्थित स्वास्थ्य केंद्र पहुंची. टीम में चिकित्सक बजरंग कुमार, अल्पना कुमारी, सावित्री देवी गुप्ता, कविता देवी, देवेंद्र झा शामिल थे. उन्होंने 52 लोगों की स्वास्थ्य जांच की. सरदी, खांसी, बुखार, दर्द सहित अन्य दवा उपलब्ध करायी.
इस संबंध में चिकित्सक श्री गुप्ता ने बताया कि फिलहाल जांच कर सभी लोगों को दवाई दे दी गयी है. साथ ही कई चापाकल की पानी को जांच के लिए भेजा जा रहा है. वहीं मृतक घर के समीप ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया गया.
कई गलियों में नहीं मिला ब्लीचिंग पाउडर इस संबंध में ग्रामीण कुलदीप कुमार, गोपाल कुमार, मुन्ना शर्मा सहित अन्य ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहुंची टीम लोगों को दवाई देकर चली गयी. साथ ही कई जगहों पर ब्लीचिंग पाउडर का भी छिड़काव नहीं हो सका. गांव के कई नाले में गंदी पानी जमा होने से कई तरह की बीमारी फैल रही है.
इसे देखने के लिए टीम को कहा, तो उन्होंने जल्द ही ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव की बात कही अौर निकल गये. अभी भी भयभीत हैं ग्रामीण अज्ञात बीमारी की चपेट में आकर अचानक चार लोगों की मौत के बाद अभी भी लोग भयभीत हैं. डर से लोग शाम में अपना दरवाजा नहीं खोलते हैं. इसको लेकर कई अभिभावक अपने बच्चे को खेलने के लिए भी घर से बाहर निकलने नहीं दे रहे.
इलाज कराने का भी मौका ना मिला इस संबंध में मृतक के परिजन मीना देवी, कृतिका देवी, उमाकांत साह, बिक्की बगबै ने बताया कि भगवान गरीब लोगों को ही दुख: देते हैं. आंख के सामने खेलते बच्चे की जान ले ली. घटना इतनी भयानक है कि मरीजों को चिकित्सक तक पहुंचने का वक्त नहीं मिला.
रास्ते से ही शव को लेकर घर लौटना पड़ता है. अब तक हुई सभी की मौत प्राय: इलाज के लिए ले जाने के क्रम में ही हुई है. ओझा का भी सहारा ले रहे हैं लोग इस घटना को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चा हो रही है. कोई बीमारी बता रहे है तो कोई देवी-देवता व करतूत की बात कर रहे हैं. इसे लेकर ग्रामीण बाहर से ओझा को भी बुला कर झाड़-फूंक करवा रहे हैं.