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वर्षों से अधूरी है सरकट्टा डैम की नहर, किसान हलकान

तीन दशक पूर्व सरकट्टा डैम का निर्माण हुआ था. इस डैम से सिंचाई के लिए दो नहरें निकाली गयी थी. एक नहर का 60 फीसदी काम पूरा हो गया है, जबकि दूसरी नहर अधूरी है. बांका : कटोरिया प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चौवटिया गांव के समीप सरकट्टा डैम के एक नहर का करीब दो दशक से […]

तीन दशक पूर्व सरकट्टा डैम का निर्माण हुआ था. इस डैम से सिंचाई के लिए दो नहरें निकाली गयी थी. एक नहर का 60 फीसदी काम पूरा हो गया है, जबकि दूसरी नहर अधूरी है.

बांका : कटोरिया प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चौवटिया गांव के समीप सरकट्टा डैम के एक नहर का करीब दो दशक से अधूरा पड़ा है. इससे उक्त क्षेत्र में सिंचाई की समस्या जस की तस बनी हुई है. मालूम को कि सरकट्टा डैम का निर्माण को करीब दो दशक बीत चुका है. डैम निर्माण के कुछ दिनों बाद ही डैम से दो नहर सिंचाई के उद्देश्य से निकाला गया था. जिसमें एक नहर का कार्य लगभग 60 फीसदी हुआ है, और इस नहर से करीब सैकड़ों एकड़ भूमि की पटवन हो रही है.
फिलवक्त एक नहर से क्षेत्र के ओल्हानी, कोरबनमां आदि गांव सिंचाई से काफी लाभांवित भी हो रहा है. जबकि दूसरे नहर का कार्य अधूरा रहने से पटवन नहीं हो पा रहा है. इसको लेकर उक्त क्षेत्र में पड़ने वाले किसानों में रोष व्याप्त है. इस नहर के चालू हो जाने पर क्षेत्र के नाढ़ा पहाड़, ईनाराबरण, केडिया, सलैया सहित दर्जनों गांवों में सिंचाई की समस्या खत्म हो सकती है. इसको लेकर किसानों ने विभाग से नहर चालू करने की मांग की है.
कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में लघु सिंचाई के सहायक सहायक अभियंता अनिरूद्ध राम ने बताया कि पूर्व के किये कार्यों में क्या हुआ नहीं हुआ उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है. आगे इसके लिए जल्द ही डीपीआर तैयार कर अधूरे पड़े नहर के कार्यों को पूरा किया जायेगा.
कहते हैं क्षेत्र के किसान
लघु सिंचाई विभाग के द्वारा करीब दो दशक पूर्व सरकट्टा डैम निर्माण के साथ ही दो नहर का निर्माण कार्य पूरा किया जाना था, लेकिन विभागीय अधिकारी व संवेदक की लापरवाही के वजह से एक नहर का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जा सका. स्थानीय लोगों मी मानें तो नहर निर्माण कार्य में केवल खानापूरी की गयी है. इस संबंध में क्षेत्र के नाढ़ा गांव निवासी देवशरण यादव, मुनेश्वर यादव, महेंद्र राय सहित अन्य ने कहा है कि नहर चालू हो जाने पर प्रत्यक्ष रूप से कई किसान लाभांवित होते. लेकिन नहर अधूरा रहने पर किसानों को मुंह चिढ़ाने जैसा प्रतीत होता है.
वहीं ईनारावरण गांव के दिनेश यादव, दिलीप यादव, रसिकलाल टुडू सहित अन्य ने कहा है कि विभाग नहर निर्माण के नाम पर कई किसानों का निजी जमीन लेकर कार्य को अधूरा छोड़ गया है. ऐसे में किसानों का मुख्य पूंजी छिन लिया गया है और सिंचाई की समस्या भी जश की तश बनीं हुई है. किसानों ने आगे बताया कि उक्त नहर चालू हो जाने से करीब हजारों एकड़ भूमि की सिंचाई बहाल होगी. नहर निर्माण पूरा होने से क्षेत्र में किसानों के घर खुशहाली आ सकती है. क्षेत्र के किसानों ने अविलंब अधूरा नहर को चालू करने की मांग की है.

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