देव. मशहूर गायिका इशरत जहां रविवार को देव पहुंची और सूर्य मंदिर में दर्शन-पूजन किया. इस दौरान मंदिर के पुजारी ने इशरत को विधिवत पूजा-अर्चना कराई. पूजा के बाद इशरत जहां ने मंदिर परिसर में लोगों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि वे मुस्लिम हैं, लेकिन फिर भी उन्हें सनातन धर्म में गहरी आस्था है और वे भगवान सूर्य में विश्वास रखती हैं.इशरत जहां ने बताया कि उनकी शादी एक मारवाड़ी परिवार में हुई है और वे दोनों धर्मों का समान रूप से सम्मान करती हैं. देव आने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कई सनातनी भजन और छठ महापर्व के गीत गाये हैं. उनकी आवाज मधुर और सुरीली है. इसी कारण देव प्रखंड के करमडीह गांव में हो रहे श्री श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ में उन्हें बुलाया गया. आयोजकों ने उन्हें इसलिए आमंत्रित किया, ताकि वे अपने भक्ति गीतों से यज्ञ का माहौल भक्तिमय और आध्यात्मिक बना सकें. इशरत ने इस निमंत्रण को स्वीकार किया और यज्ञ में भक्ति गीतों की सुंदर प्रस्तुति दी. उन्होंने आयोजन समिति के अध्यक्ष चंदन सिंह के प्रति आभार जताया. देव पहुंचने पर गायिका का स्थानीय समाजसेवियों मुकुल सिंह, मुन्ना पाठक, विजय पांडेय, रुपेश पाठक, उपेंद्र यादव और अमित पाठक ने गर्मजोशी से स्वागत किया. उन्हें भगवान सूर्य व प्रभु श्रीराम की तस्वीर वाला मोमेंटो भेंट कर सम्मानित किया गया.
इशरत ने की पहलगाम घटना की निंदा
इशरत जहां ने बताया कि वह पहले प्रयागराज की रहने वाली थीं, लेकिन अब मुंबई में रहती हैं. उन्होंने पहलगाम में हुई घटना की कड़ी निंदा की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. इशरत ने कहा कि वह चाहती हैं कि भारत पूरे विश्व में एक मजबूत देश बने और सनातन धर्म का डंका पूरी दुनिया में बजे. इसके लिए वे पिछले 18 सालों से भक्ति गीत और धार्मिक संगीत के माध्यम से अपना योगदान दे रही हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है