औरंगाबाद शहर. जिला उद्योग केंद्र के सभाकक्ष में डीएम के आदेशानुसार जिले में स्थित विभिन्न राइस मिल व उद्योग विभाग द्वारा संचालित अन्य उद्यमियों (पीएमइजीपी, पीएमएफएमइ, एमएमयूआइ व बीएलयूवाइ) के साथ बैठक हुई. इसमें जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक एवं विद्युत अवर प्रमंडल के सहायक अभियंता शामिल हुए. बैठक में उद्योग चलाने में बिजली से संबंधित समस्याओं पर चर्चा की गयी. बैठक में शामिल सभी उद्यमियों ने अपनी-अपनी इकाइयों की बिजली से संबंधित समस्याओं से सहायक अभियंता को अवगत कराया. इस पर अवर प्रमंडल के सहायक अभियंता ने त्वरित समाधान का आश्वासन दिया. कुछ उद्यमियों ने अपनी शिकायतें आवेदन के माध्यम से भी प्रस्तुत की. जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक और विद्युत अवर प्रमंडल के सहायक अभियंता ने सभी उद्यमियों को आश्वस्त किया गया कि इकाइयों के संचालन में उद्योग विभाग पूर्ण तत्परता से सहयोग करेगा. महाप्रबंधक ने बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के अंतर्गत मिलने वाले विभिन्न लाभ एवं प्रोत्साहनों की जानकारी दी. इसमें 10 से 12 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान अथवा अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक की राशि का प्रावधान है. साथ ही एसआइपीबी नीति के तहत राइस मिल एवं अन्य विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए स्टांप शुल्क, निबंधन शुल्क एवं सपरिवर्तन शुल्क में 100 प्रतिशत छूट प्रदान की जाती है. इसके अतिरिक्त ब्याज कर एवं एसजीएसटी में छूट तथा विद्युत शुल्क में छूट का भी प्रावधान है. महाप्रबंधक ने बताया कि इकाइयों की क्षमता बढ़ाने के लिए एसआइपीबी नीति के तहत आवेदन किया जा सकता है अथवा सीधे जिला उद्योग केंद्र से संपर्क किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि उद्यमी अपने उद्योगों को बेहतर ढंग से संचालित करें, क्योंकि योजनाओं के सफल कार्यान्वयन से न केवल रोजगार सृजन होता है बल्कि राज्य एवं देश की आर्थिक प्रगति भी सुनिश्चित होती है. परियोजना प्रबंधक द्वारा यह बताया गया कि इच्छुक उद्यमी स्वरोजगार के लिए छोटे पैमाने पर उद्योग लगाने के लिए पीएमइजीपी एवं पीएमएफएमइ योजनाओं के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं. किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए जिला उद्योग केंद्र से संपर्क किया जा सकता है.
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