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21वीं पशु गणना की तैयारी शुरू, ऑनलाइन होगी सभी प्रक्रिया

प्रगणक के साथ-साथ पर्यवेक्षक लगाये जायेंगे.

औरंगाबाद/अंबा. जिले में पशुओं की गणना को लेकर तैयारी शुरू कर दी गयी है. सरकार के निर्देशानुसार वर्ष 2024 में 21वीं पशुधन गणना की जानी है. इसके लिए प्रगणक के साथ-साथ पर्यवेक्षक लगाये जायेंगे. जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ सतीश प्रसाद ने बताया कि पशु गणना में किसी तरह की समस्या ना हो, इसके लिए पौथु के पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अविनाश कुमार को जिला नोडल बनाया गया है. उन्होंने बताया कि सरकार से प्राप्त पत्र के अनुसार सितंबर एवं अक्टूबर महीने में गणना कराया जाना है. इसके लिए 60 दिन निर्धारित किये गये हैं. निर्धारित समय पर गणना का कार्य पूर्ण करने की जिम्मेदारी प्रगणक के साथ-साथ पर्यवेक्षक को दी जायेगी. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा पांच वर्षों पर पशु गणना करायी जाती है. पशुओं की गणना किये जाने से पशु से संबंधित योजना बनाने में सहूलियत होती है. उन्होंने बताया कि जिला नोडल, पर्यवेक्षक व प्रगणक की मैपिंग का कार्य प्रारंभ कर दी गयी है. सभी प्रखंडों के वेटरनरी डॉक्टर गणना कार्य के लिए पर्यवेक्षक बनाये जायेंगे और उन्हें अलग-अलग पंचायत भी आवंटित किया जायेगा. जिला पशुपालन पदाधिकारी के अनुसार पशुधन गणना की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन मोबाइल ऐप के तहत होगी. इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. गणना कार्य में किसी तरह की गड़बड़ी करने वाले कर्मियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई किया जायेगा. जिले में लगाये जायेगे 30 पर्यवेक्षक व 147 प्रगणक भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शैलेंद्र कुमार ने बताया कि 21वीं पशुधन गणना ऑनलाइन मोबाइल एप के माध्यम से किया जायेगा. इसके लिए जिले के विभिन्न प्रखंडों में 147 प्रगणक लगाये गये हैं. प्रकरण को कार्यों के मॉनीटरिंग के लिए 30 पर्यवेक्षक भी लगाये जायेंगे. इसके लिए जिला स्तर पर भी एक नोडल पदाधिकारी बनाये गये हैं. उन्होंने बताया कि पशुओं के लिए योजना तैयार करने के लिए गणना किया जाना आवश्यक है. 446303 थी गौवंशीय पशुओं की संख्या 20 वीं पशुधन गणना के अनुसार जिले में गोवंशीय पशु चार लाख 46 हजार 303 थे. इसके अलावा भैंसवंशीय पशुओं की संख्या एक लाख 96 हजार 443, बकरियों की संख्या दो लाख 40 हजार 57 था. इसके साथ ही जिले के विभिन्न प्रखंडों में भेडों की संख्या 26 हजार 284 व सुअर की संख्या 4 हजार 440 था. 20वीं में पशुधन गणना 2017 में शुरू हुआ था. हालांकि, ऑनलाइन को लेकर तकनीकी समस्या आने से 2 माह के बजाय गणना पूर्ण करने में 2 वर्ष के समय लगे थे. 2019 में गणना का कार्य पूर्ण कर लिया गया था. सरकार द्वारा 5 वर्षों में पशु गणना कराया जाता है.

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Prabhat Khabar News Desk
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