प्रतिनिधि, दाउदनगर.
कई दशक के बाद भी दाउदनगर शहर के मध्य विद्यालय मौलाबाग को अपनी जमीन नहीं मिल पायी है. इसके कारण यह विद्यालय करीब डेढ़ दशक से भी अधिक समय से अपने मूल स्थान से लगभग चार किलोमीटर दूर दाउदनगर-गया रोड में स्थित शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के पुराने एवं जर्जर भवन में चल रहा है. अब स्थिति यह है कि विभागीय निर्देश के आलोक में इस विद्यालय के छठी से आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को अशोक इंटर स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया है. यानी इस स्थान से भी करीब चार किलोमीटर की दूरी तय कर उक्त तीनों कक्षाओं के बच्चों को अशोक इंटर स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने जाना होगा. वर्तमान में इस विद्यालय में बुधन बीघा व बीआरसी रोड, पिलछी रोड के आस-पास के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और उक्त तीन कक्षाओं के बच्चों को अशोक इंटर स्कूल में जाना पड़ रहा है. पहली से पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई इसी विद्यालय में हो रही है. तीन कक्षाओं के बच्चों को अशोक इंटर स्कूल में शिफ्ट किए जाने के बाद अभिभावकों में रोष व्याप्त है और अभिभावक नाखुश हैं. अभिभावकों का कहना है कि इतनी दूर जाने में बच्चों को असुविधा होगी. लंबी दूरी तय करना कठिन होगा. सुरक्षा और सुविधा दोनों पर असर पड़ेगा.तकनीकी कारणों से किया गया शिफ्ट
इस संबंध में प्रखंड कल्याण पदाधिकारी सह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विकास कुमार ने कहा कि वे देव मेला में ड्यूटी में है. बीआरसी से जानकारी ले लें. वहां जानकारी लेने पर पता चला कि तकनीकी कारणों से ऐसा हुआ है. बीआरसी के लेखापाल अमरेश कुमार ने बताया कि मध्य विद्यालय मौलाबाग शहरी क्षेत्र का है.यह विद्यालय जगह एवं स्थान के अभाव में शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में चल रहा है.पीएम श्री योजना के तहत अशोक इंटर स्कूल का चयन किया गया है. विभागीय स्तर पर सरकार का निर्देश है कि जिस विद्यालय का चयन पीएम श्री योजना के तहत किया गया है.उस विद्यालय के नजदीकी मध्य विद्यालय के छठी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों एवं शिक्षकों को चयनित विद्यालय में शिफ्ट किया जाना है, क्योंकि पूर्व में यह विद्यालय मौलाबाग सूर्य मंदिर के पास संचालित होता था और अशोक इंटर स्कूल के पास से नजदीक कागजी तौर पर यही विद्यालय है, जिसके कारण इस विद्यालय के बच्चों को अशोक इंटर स्कूल में शिफ्ट किया गया है.52 बच्चों को झेलनी पड़ रही असुविधा
प्रधानाध्यापक सत्येंद्र कुमार दिवाकर ने बताया कि छठी कक्षा में आठ, सातवीं कक्षा में 20 और आठवीं कक्षा में 24 विद्यार्थी नामांकित है.इन तीन कक्षाओं के लिए दो शिक्षक विद्यालय में पदस्थापित हैं. दूसरी ओर,इस प्रकार यदि देखा जाये तो 52 बच्चों को अब चार किलोमीटर की दूरी तय कर शिक्षा ग्रहण करने जाना पड़ रहा है. दोनों शिक्षकों को भी इस विद्यालय में जाना पड़ रहा है पहली से पांचवी कक्षा तक के लिए प्रभारी प्रधानाध्यापक समेत चार शिक्षक ही विद्यालय में कार्यरत रह जायेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है