सितंबर के पहले सप्ताह से संयुक्त कृषि भवन में दो दिवसीय प्रशिक्षण का होगा आयोजन
औरंगाबाद/अंबा. सरकार के उद्यान विभाग मशरूम की खेती पर विशेष जोर दे रही है. सितंबर के पहले सप्ताह से संयुक्त कृषि भवन औरंगाबाद में मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण शुरू होने वाला है. इसके लिए इच्छुक किसानों का रजिस्ट्रेशन हो रहा है. सहायक उद्यान निदेशक डॉ श्रीकांत ने बताया कि छोटे जोत जमीन वाले या भूमिहीन किसानों व बेरोजगार युवकों के लिए मशरूम की खेती से रोजगार मिलने की अपार संभावना है. सरकार के बागवानी मिशन के तहत मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जायेगा. ट्रेनिंग के पश्चात प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि इच्छुक व्यक्ति अपने घरों में या फिर बाहर कहीं भी झोंपड़ी लगाकर मशरूम उत्पादन कर सकते हैं. इसके लिए 90 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान है. सहायक उद्यान निदेशक ने विभिन्न प्रखंडों के किसानों को रजिस्ट्रेशन करने के लिए बीएचओ रजनीश कुमार, आशुतोष कुमार, करूणेश पाठक के साथ रजनीश कुमार को जिम्मेदारी दी गयी है. पंजीकृत किसान इन अधिकारियों व कर्मियों से संपर्क कर यथाशीघ्र रजिस्ट्रेशन कराने का प्रयास करें. उन्होंने बताया है कि मशरूम शकाहारी व उत्तम क्वालिटी के पौष्टिक आहार मिनरल विटामिन से भरपूर है. बीएचओ रजनीश कुमार ने बताया कि उद्यान निदेशालय के निर्देशानुसार के अनुसार पिछड़ा, अतिपिछड़ा व सामान्य वर्ग के 100 तथा अनुसूचित जाति व जनजाति कोटि के 50 महिला व पुरूष किसानों को मशरूम की ट्रेनिंग देने का लक्ष्य निर्धारित है. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षित किसानों को मशरूम उत्पादन करने पर अनुदान का लाभ मिलेगा. विदित हो कि उद्यान निदेशालय फल, फूल,सब्जी,मशरूम की खेती को विस्तारित कर कृषि क्षेत्र में मिशाल कायम किए हुए है.आथिर्कोपार्जन का जरिया, कम लगात में अधिक उत्पादन की उम्मीद
वनस्पति के रूप में कई प्रकार की औषधीय खाद्य पदार्थ दी है. उनमें एक मशरूम भी है. मशरूम की विभिन्न प्रजातियां में उपलब्ध है, जो विशेष स्वाद व पौष्टिकता के कारण पसंद की जाती है. वर्तमान की सरकार मशरूम की खेती के बढ़ावा देने के लिए नित्य नये-नये प्रयोग कर रही है. इधर उद्यान विभाग के तहत प्रचार-प्रसार कर किसानों को मशरूम की खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. जिला उद्यान कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हजारों कीट मशरूम की खेती की जानी है. मशरूम शकाहारियों के लिए हाई प्रोटीन फुड है. इसमें विटामिन ए, बी,सी व डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. यह फसल कम कैलोरी वाली ऐसी सब्जी है, जो पोषक तत्वों से भरपूर है. मशरूम से सब्जी, भूंजिया,आचार व मुरब्बा आदि तरह-तरह के खाद्य पदार्थ तैयार किया जाता है. मशरूम कम कैलोरी वाली ऐसी सब्जी है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट,एंटी कैंसर,एंटी डायबिटीज व एंटी वायरल गुण पाये जाते है. मशरूम हर किसी के लिए एक इम्युनिटी बुस्टर खाद्य पदार्थ के रूप में कारगर है. विदित हो कि मशरूम की खेती के लिए ऑनलाइन अप्लाई शुरू है. शीघ्र ही झोपड़ीनुमा मशरूम प्रोजेक्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

