औरंगाबाद ग्रामीण. पुलिस दबिश के कारण हार्डकोर नक्सली बसंत पासवान ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है. वह मदनपुर थाना क्षेत्र के जुड़ाही गांव का रहने वाला है. वह कई कांडों में वांछित था. पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी. उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा था, लेकिन वह फरार चल रहा था. मदनपुर पुलिस द्वारा उसके सभी ठिकानों पर नजर रखी जा रही थी. पुलिस दबिश के कारण उसने न्यायालय के समक्ष आत्म समर्पण कर दिया. ट्रैफिक डीएसपी मनोज कुमार ने बताया कि पकड़ा गया नक्सली बसंत पासवान भाकपा माओवादी का हार्डकोर था. वह 2000 से वर्ष 2014 तक मदनपुर इलाके में काफी सक्रिय था. पार्टी के लिए भट्ठा संचालक को तथा ठेकेदारों से लेवी वसूलना, दहशत फैलाना तथा नए लोगों को पार्टी से जोड़ने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका थी.
नक्सली के विरुद्ध मदनपुर थाना में दर्ज है पांच बड़े मामले
नक्सली बसंत पासवान के विरुद्ध सिर्फ मदनपुर थाना में पांच बड़े मामले दर्ज है. इसके अलावा अन्य थाना में उसके विरुद्ध दर्ज मामले तथा अपराधिक इतिहास का पता लगाया जा रहा है. बसंत के विरुद्ध मदनपुर थाना में 17 सीएलए तथा आर्म्स एक्ट से संबंधित कांड संख्या 133/14, 134/14, 135/14, 136/14 तथा 137/14 दर्ज हैं. कांड संख्या 137/14 में वह वांछित था. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार प्रयासरत थी. डीएसपी ने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान के तहत पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है