जस्ट डायल से मिला फर्जी नंबर, एपीके फाइल इंस्टॉल कराई, दो दिन बाद बैंक खातों से उड़ाये पैसे औरंगाबाद शहर. जिले में साइबर अपराधियों ने अब ठगी का नया और खतरनाक तरीका अपनाना शुरू कर दिया है. ताजा मामला जिले के राजपुर निवासी डीएवी स्कूल के शिक्षक विमलेश कुमार सिंह के परिवार से जुड़ा है, जिसमें उनके बेटे और पत्नी से मिलाकर 68 हजार रुपये की साइबर ठगी को अंजाम दिया गया है. सबसे चिंताजनक बात यह है कि साइबर अपराधियों ने जस्ट डायल जैसे लोकप्रिय ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर फर्जी नंबर उपलब्ध कराया और फिर एक एपीके नामक एप का लिंक भेजकर पूरा फोन हैक कर लिया. घटना चार अगस्त की है. शिक्षक विमलेश कुमार सिंह का बेटा साहिल कुमार वाराणसी के एक डॉक्टर से इलाज के लिए अप्वाइंटमेंट लेना चाह रहा था. इसके लिए उसने इंटरनेट पर डॉक्टर का मोबाइल नंबर सर्च किया, जिसमें जस्ट डायल के माध्यम से उसे एक नंबर प्राप्त हुआ. जब साहिल ने उस नंबर पर कॉल किया, तो दूसरी तरफ मौजूद व्यक्ति ने अपने आपको डॉक्टर का सहायक बताया और कहा कि डॉक्टर का अप्वाइंटमेंट लेने के लिए पांच रुपये की ऑनलाइन पर्ची कटवानी होगी. साइबर ठग ने साहिल को पांच रुपये की पर्ची कटवाने के नाम पर एक एपीके फाइल भेजी और उसे कहा कि उसे मोबाइल में इंस्टॉल करके पेमेंट करना होगा. साहिल ने उस एपीके फाइल को अपने मोबाइल में इंस्टॉल कर लिया और पांच रुपये भुगतान करने की कोशिश की, जो असफल रही. इसके बाद ठग ने कहा कि अगर घर में किसी और का मोबाइल है, तो उससे कोशिश करें. उसकी बातों में आकर साहिल ने अपनी मां मालती कुमारी सिंह के मोबाइल में उसी एपीके फाइल को इंस्टॉल कर दिया. वहां भी पांच रुपये का भुगतान सफल नहीं हो पाया. दोनों ने यह सोचकर छोड़ दिया कि तकनीकी कारण से पेमेंट फेल हो गया है. लेकिन, इसके दो दिन बाद यानी सात अगस्त को उनके बैंक खातों से बड़ी राशि की अवैध निकासी हो गयी. साहिल कुमार के बैंक ऑफ महाराष्ट्रा के खाते से 4999 रुपये की तीन बार निकासी की गयी. कुल 14997 रुपये की निकासी हुई. वहीं उसकी मां मालती कुमारी सिंह के केनरा बैंक खाते से 53,000 रुपये निकाल लिये गये. घटना के बाद शिक्षक विमलेश कुमार सिंह ने तत्काल राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज की और स्थानीय थाने में लिखित आवेदन देकर उचित कार्रवाई की मांग की. कुछ दिन पहले ही डीएवी की ही शिक्षिका से छह लाख से अधिक की साइबर ठगी हुई थी. लगातार हो रही ऐसी घटनाओं से साफ है कि जिले में साइबर फ्रॉड सक्रिय हैं और ठगी करने के नित्य नये तरीके अपना रहे हैं.
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